RRR की मजबूरी है थिएटर, ओटीटी नहीं दे सकता इतना रुपया, सितम्बर में हो सकता है प्रदर्शन!
नए साल के पहले दिन का आगाज फिल्म जगत के लिए झटके की खबर से हुआ। साल की सबसे महंगी फिल्म RRR की रिलीज डेट पोस्टपोन हो गई। निर्माताओं ने कहा कि देश में बढ़ते कोरोना के कारण हम इस फिल्म को आगामी तारीख तक के लिए पोस्टपोन कर रहे हैं। कहने को तो निर्माताओं ने कोरोना का सहारा लेते हुए फिल्म को पोस्टपोन कर दिया, उनका कहना है कि सिनेमाघरों में दर्शकों का फुटफाल कम नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर ट्रेड विश्लेषकों ने कहा कि, एक जनवरी को यकीनन RRR के टलने की खबर निराशाजनक थी, पर वहीं उसी तारीख को तीन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 18 करोड़ का कलेक्शन किया। 83 ने जहां 7 करोड़ 25 लाख कलेक्ट किए, वहीं पुष्पा: द राइज का बिजनेस हिंदी में छह करोड़ और स्पाइडरमैन का चार करोड़ 75 लाख का रहा। ऐसे में सिनेमाघरों में दर्शकों की आमद तो है। वो अच्छी फिल्में देखने सिनेमाघरों में आ रहें हैं।
RRR को ओटीटी पर लाने की हिम्मत नहीं की जा रही है। ट्रेड पंडितों के मुताबिक, ऐसा इसलिए है कि इस फिल्म की लागत ही 550 करोड़ है, जो राजामौली भी ऑन रिकॉर्ड बोलते रहे हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म की रणनीति उस बजट में एक के बजाय आधा दर्जन प्रोजेक्टों को खरीदने की रही है। लिहाजा RRR के मेकर्स की चुनौती और मजबूरी सिनेमाघरों में ही आने की है।
RRR किस महीने में आएगी, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श बताते हैं, इस वक्त कुछ नहीं कहा जा सकता। सब कुछ कोविड केसेस के मद्देनजर डिसाइड होगा। फरवरी में यकीनन कम बजट वाली फिल्में ज्यादा हैं। तब RRR को लाने की गुंजाइश है। अगर वो आगे मार्च या अप्रैल की तारीख चुनते हैं तो उनकी बच्चन पांडे, शमशेरा, भूल भुलैया-2, अनेक व बाकी अन्य फिल्मों से क्लैश तय है। RRR के अलावा राधे श्याम और पृथ्वीराज के भी आगे खिसकने के प्रबल आसार हैं। ऐसे में उन दोनों के भी क्लैश की संभावना बन रही है।
तरण के अलावा बाकी ट्रेड पंडितों की राय है कि RRR जैसी बड़े बजट की फिल्म को अब सितंबर महीने में लाना फायदेमंद होगा। वह इसलिए क्योंकि उस महीने में महज दो फिल्में ब्रह्मास्त्र और विक्रम वेधा ही आएंगी। तब तीनों को ओपन रन मिल जाएगा। देखना दिलचस्प होगा कि RRR के निर्माता क्या निर्णय लेते हैं।