गाय, भैंस का मजाक उड़ाने वाले भूल जाते हैं कि 8 करोड़ परिवारों की आजीविका पशुधन से चलती है: नरेन्द्र मोदी

Dec 24 2021

गाय, भैंस का मजाक उड़ाने वाले भूल जाते हैं कि 8 करोड़ परिवारों की आजीविका पशुधन से चलती है: नरेन्द्र मोदी

इंडिया इमोशंस, लखनऊ। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में 475 करोड़ रुपये की लागत के बनास काशी संकुल संयंत्र तथा वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि‡ में बायो गैस पर आधारित ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखने के साथ ही कुल 2095 करोड़ रुपये लागत की 27 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने डिजिटल माध्यम से बनास डेयरी से जुड़े 01 लाख 70 हजार किसानों के बैंक खातों में 35 करोड़ रुपये की बोनस (भावांश) धनराशि अन्तरित की। प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के 06 नये भू-स्वामियों को अपने कर-कमलों से घरौनी प्रदान करने के साथ ही बटन दबाकर राज्य के 20 लाख परिवारों को घरौनी वितरित की। उन्होंने दुग्ध तथा दुग्ध उत्पादों से सम्बन्धित ब्यूरो ऑफ इण्डियन स्टैण्डर्ड्स की कन्फर्मिटी एसेसमेण्ट स्कीम के पोर्टल व ‘लोगो’ को भी लांच किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर किया। बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत गोमाता की प्रतिमा और अंगवस्त्र प्रदान कर किया। कार्यक्रम में बनास डेयरी पर आधारित एक फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम हेतु मंच पर पधारने से पूर्व, प्रधानमंत्री जी ने बनास काशी संकुल पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने सम्बोधन की शुरुआत स्थानीय बोली में उपस्थित जनसमुदाय का अभिवादन करते हुएकी। उन्होंने कहा कि आज वाराणसी और आस-पास का क्षेत्र एक बार पुनः देश व उत्तर प्रदेश के गांव, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बन रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनकी जयन्ती है। देश उनकी स्मृति में किसान सम्मान दिवस मना रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे लिए गाय माता है, पूज्यनीय है। गाय, भैंस का मजाक उड़ाने वाले भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। इनकी मेहनत से भारत हर साल लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। यह धनराशि भारत में गेहंू और धान की कीमत से अधिक है, इसलिए डेयरी सेक्टर को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताआंे में से एक है। इसी कड़ी में आज बनास काशी संकुल संयंत्र का शिलान्यास किया गया है। बनास डेयरी से जुड़े लाखों किसानांे के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के रामनगर डेयरी प्लाण्ट को चलाने के लिए बायो गैस आधारित ऊर्जा संयंत्र का शिलान्यास किया गया है। दूध की शुद्धता के प्रमाणन के लिए एकीकृत व्यवस्था और ‘लोगो’ जारी हुआ। लगभग 20 लाख परिवारों को घर के कानूनी दस्तावेज की कॉपी सौंपी गयी। काशी को सुन्दर और सुविधा सम्पन्न बनाने वाली 1,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के समय में हमारे घर-आंगन मंे मवेशियों का झुण्ड सम्पन्नता की पहचान था। दरवाजे पर खूटांे की संख्या की प्रतिस्पर्धा रहती थी। शास्त्र मंे भी कामना की गयी है कि गाय मेरे चारों ओर रहें और मैं गायों के बीच निवास करूं। डेयरी सेक्टर हमारे यहां रोजगार का बड़ा माध्यम रहा है। इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने कामधेनु आयोग का गठन किया। डेयरी सेक्टर के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए विशेष फण्ड बनाया गया। पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया। पशुओं हेतु अच्छी गुणवत्ता का चारा सुलभ कराने के लिए काम चल रहा है। घर पर पशुओं का इलाज और गर्भाधान के लिए विशेष अभियान चलाया गया। हमारी सरकार बच्चों के टीकाकरण तथा कोरोना टीकाकरण के साथ ही पशुआंे में खुरपका, मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए पशुओं के टीकाकरण का राष्ट्रव्यापी अभियान चला रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप विगत 06-07 वर्ष मंे देश मंे दुग्ध उत्पादन मंे लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य होने के साथ ही डेयरी सेक्टर के विकास में भी बहुत आगे है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति की नयी ऊर्जा किसानांे की स्थिति बदलने में भूमिका निभा सकती है। यह सेक्टर देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानांे की अतिरिक्त आय का साधन बन सकता है। डेयरी सेक्टर विदेशों के बाजार मंे आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराने का साधन बन सकता है। पशुपालन महिलाओं की उद्यमशीलता बढ़ाने का जरिया बन सकता है। पशुधन, बायो गैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का आधार बन सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति के साथ किसानों व पशुपालकों का साथ दे रही है। बनास काशी संकुल का शिलान्यास सरकार व सहकार की भागीदारी का प्रमाण है। सहकारिता क्षेत्र की बड़ी इकाई बनास और पूर्वांचल के किसानों की सहभागिता से वाराणसी सहित इस क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। इससे आस-पास के गांवों में दुग्ध समितियां, कलेक्शन सेन्टर बनेंगे। दूध के खराब होने की चिंता से मुक्ति मिलेगी। अच्छी नस्ल के पशुओं को प्राप्त करने में किसानों को मदद मिलेगी। दूध, दही, छाछ, मक्खन, पनीर के अलावा आइसक्रीम, मिठाइयां भी यहां बनेगी, इससे बनारस की लस्सी, छेने की एक से बढ़कर एक मिठाइयां, लौंगलता का स्वाद और बढ़ जाएगा। यह बनारस के रस को और बढ़ा देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आम तौर पर दूध की गुणवत्ता, प्रमाणिकता को लेकर बड़ी उलझन रही है। प्रमाणिकता के लिए अलग-अलग व्यवस्था के कारण पशुपालकों, दुग्ध संघों को कठिनाइयां होती रहीं। इसके समाधान के लिए भारतीय मानक ब्यूरों ने देश भर के लिए मानक जारी किया है। कामधेनु का ‘लोगो’ भी जारी किया गया है। यह ‘लोगो’ दूध व दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता व विश्वसनीयता की पहचान होगा। वाराणसी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ रामनगर में बायो गैस द्वारा बिजली बनाने के इस संयंत्र से ऊर्जा जरूरते पूरी होंगी। इससे किसानों को गोबर की बिक्री से भी लाभ होगा। इससे बनने वाली जैविक खाद से जैविक खेती करने में सुगमता होगी।