मथुरा में जो मंदिर नहीं बनने देना चाहते वह अपना पक्ष स्पष्ट करें: सूर्य प्रताप शाही

Dec 04 2021

मथुरा में जो मंदिर नहीं बनने देना चाहते वह अपना पक्ष स्पष्ट करें: सूर्य प्रताप शाही

india emotions, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय पर पत्रकारों के एक सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण जन-आस्था के प्रतीक हैं। जो लोग मथुरा में मंदिर नहीं बनने देना चाहते वह अपना पक्ष स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि पहले जो लोग कहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बन नहीं सकता, अब वह वहां मत्था टेकने जा रहे हैं। कहा कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवादी पार्टी है जो संस्कृति, धर्म, अध्यात्म और राष्ट्रीय मूल्यों का संरक्षण करती है जबकि समाजवादी पार्टी जाति और धर्म के आधार पर सांप्रदायिक तनाव का वातावरण पैदा करती है।

शाही के मुताबिक पहले जो सरकार थी उनमें नीतिगत जड़ता थी। योगी सरकार ने नीतिगत फैसले लिए। सपा-बसपा सरकार में किसानों के प्रति नकारात्मक रवैया होने के कारण किसान हैरान और परेशान थे। योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में बनने के बाद किसानों के हित में कार्य शुरू हुआ। मुख्यमंत्री ने पहले ही कैबिनेट के फैसलें में किसानों की कर्ज माफी का फैसला किया और पारदर्शी तरीके से किसानों के कर्ज माफ किए गए। जबकि अखिलेश सरकार में भूमि विकास से संबंधित कुछ किसानों के ही लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपए के ऋण माफ किए गए थे। इसी से स्पष्ट हो जाता है कि किसानों का असली हितैषी कौन है।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि अखिलेश सरकार में 21 चीनी मिलें बंद हो गई थी। औने-पौने दाम पर 12 चीनी मिलें बेच दी गई। जबकि योगी सरकार में चीनी मिलों का सुदृढ़ीकरण किया गया तथा बंद पड़ी चीनी मिलें शुरू की गई। गन्ने का मूल्य 25 रूपये प्रति कुंतल बढ़ाया गया।

श्री शाही ने कहा कि जब अखिलेश सरकार सत्ता से बाहर गई थी, उस समय किसानों का 3 साल तक का गन्ने का मूल्य लगभग 29000 करोड रुपए बकाया था। जिसे योगी सरकार ने पूरा भुगतान किया। अब 3 दिन के भीतर गन्ना किसानों के खाते में उनका पैसा पहुंच रहा है।

सहकारी चीनी मिलों पर जो किसानों का बकाया है उसे भुगतान करने के लिए योगी सरकार चीनी मिलों को ऋण देने जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि योगी सरकार में पिछले साढे 4 साल में गेहूं और धान की खरीदारी में डेढ़ गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। प्रदेश में पहले समाजवादी पार्टी की सरकार में 4 हजार 2 सौ करोड़ और बसपा की सरकार में 4 हजार 5 सौ करोड़ का कृषि बजट था जो योगी सरकार ने बढ़ाकर 15 हजार करोड़ किया गया। एमएसपी पर सकारात्मक फैसला लिया।