पीएम मोदी और योगी की यह तस्वीर अवश्य भारत के राजनीतिक इतिहास में होगी दर्ज, पढिय़े क्यों?

Nov 21 2021

पीएम मोदी और योगी की यह तस्वीर अवश्य भारत के राजनीतिक इतिहास में होगी दर्ज, पढिय़े क्यों?
रविवार को सामने आयी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो तस्वीरें (बांए और दाहिने) पं. नेहरू और सरदार पटेल की एक फाइल फोटा (बीच में)े

अजय श्रीवास्तव, इंडिया इमोशंस, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक ऐसी तस्वीर रविवार सुबह जारी हुई जो अद्भुत तो है पर अविश्वसनीय और अकल्पनीय कतई नहीं। पीएम मोदी सीएम योगी के कंधे पर हाथ रख उत्तर प्रदेश राजभवन की एक गैलरी में टहलते हुए कुछ बात कर रहे हैं। मोदी कुछ समझाने के अंदाज में हैं और योगी ध्यान से सुनते दिख रहे हैं। एक फोटो फ्रंट पोजीशन की है तो एक बैक पोजीशन की। दोनों में अंतर बस इतना है कि सामने वाली फोटो में पीएम मोदी के कंधे पर जहां शाल दिख रहा है वहीं पीछे से खींची गई फोटो में यह शॉल नहीं है।

यह चित्र देखकर दोनों की की बॉडी लंैग्वेज को को परिभाषित करना ज्यादा कठिन नहीं। ऐसा लग रहा है मानो एक परिपक्व गुरू अपने सबसे काबिल और प्रिय शिष्य को काई मूलमंत्र दे रहा हो। पीएम मोदी का एक हाथ सीएम योगी के कंधे पर है तो दूसरा हाथ समझाने का भाव दे रहा है। चेहरा वढ़ें तो मोदी किसी गहन बात को समझा रहे हैं वहीं योगी तनिक उत्सुकता का भाव लिए बड़े गौर से उनकी बात सुनने और समझने को प्रयासरत नजर आ रहे हैं।

बहरहाल इन दो हस्तियों की ये दो फोटो जैसे ही सामने आयी, कुछ ही मिनट्स में सोशल मीडिया पर छा गई। इस फोटो को शेयर कर सोशल मीडिया यूजर्स ने अलग-अलग टिप्पणियां भी कीं हैं। किसी ने लिखा भविष्य की रणनीति पर दोनों का गूढ़ मंथन तो किसी ने कहा योगी चुनाव जीतने की रणनीति समझाते मोदी। एक यूजर्स ने तो यहां तक लिख दिया कि भावी प्रधानमंत्री को मौजूदा प्रधानमंत्री की टिप्स।

बहरहाल पीएम मोदी इन दिनों डीजीपी कॉन्फ्रेंस में भाग लेने लखनऊ पहुंचे हैं और उनका यहां दूसरा दिन है। उनका ठिकाना राजभवन ही इन दो दिनों में बना रहा। इस दौरान रविवार की सुबह सामने आयी मोदी और योगी की तस्वीर वाकई भारत के राजनीतिक इतिहास में दर्ज होने वाली है। ठीक वैसे ही जैसे एक जमाने में सरदार पटेल और और पंडित नेहरू की तस्वीरें इतिहास बनीं।

नेहरू और पटेल?
आज भी यह सवाल अकसर जिंदा हो जाता है कि नेहरू और पटेल में कौन बेहतर था? आज का राजनीतिक विमर्श नेहरू और पटेल को प्रतिद्वंद्वी मानता है, लेकिन ऐतिहासिक वास्तविकताओं में वे भागीदार और कामरेड थे। नेहरू और पटेल ने कांग्रेस पार्टी में एक साथ काम किया, वे गांधीजी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से दो थे। गांधीजी ने 1939 की शुरुआत में यह कहा था कि ये दो लोग हैं जो मुझे सफल करेंगे। मेरा राजनीतिक दल उनके कंधे पर टिका होगा। जब भारत स्वतंत्र हुआ, नेहरू प्रधान मंत्री बने और पटेल उनके उप-प्रधान मंत्री और गृह मंत्री बने और उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया, जिनसे उन्होंने एक ठोस साझेदारी की।