कल होगा नवरात्रों का समापन, रवियोग में होगी महानवमी की पूजा
आठ दिनों में समाप्त हो रहे शारदीय नवरात्र का कल अंतिम व्रत है। गुरुवार 14 अक्टूबर को नवरात्र के अंतिम दिन महानवमी तिथि की पूजा रवियोग में की जाएगी। गौरतलब है कि इस बार पंचमी और षष्ठी तिथि एक ही दिन होने के कारण नवरात्र नौ दिनों के स्थान पर आठ दिनों का ही रह गया। जिसके चलते कल गुरुवार को महानवमी की पूजा की जाएगी। आज बुधवार को महाअष्टमी की पूजा की गई है। महाअष्टमी आज रात 11.20 तक है। नवमी तिथि का आरम्भ 13 अक्टूबर रात 11.21 बजे से होगा और इसकी समाप्ति 14 अक्टूबर शाम 09.27 को होगी। नवरात्री की दो तिथियों अष्टमी और नवमी को देवी पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इन दो दिनों में कन्या पूजा, हवन और निशिथ काल यानी मध्यरात्रि में की गई देवी पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है।
नवमी पर कन्या पूजन
धर्मगुरुओं के मुताबिक कन्या पूजन से एक दिन पहले कन्याओं को अपने घर का आमंत्रण देना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुमकुम की बिंदी लगाएं और पीले चावल के साथ दक्षिणा भी दें। कन्या पूजन के लिए दो साल की उम्र से 10 साल तक की कन्या को आमंत्रित करना चाहिए।
नवरात्रि के आखिरी दिन यानी महानवमी को समस्त सिद्धि प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाएगा। अष्टमी तिथि की तरह ही नवरात्रि में नवमी तिथि का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूप की प्रतीक नौ कन्याओं और एक बालक को भी आमंत्रित कर बटुक भैरव का स्वरूप अपने घर आमंत्रित करके पूजन किया जाना चाहिए। साथ ही अगर देवी सरस्वती की स्थापना की हो तो उनका विसर्जन नवमी को किया जा सकता है। ये मन्वादि तिथि होने से इस दिन श्राद्ध का भी विधान है। इस तिथि पर सुबह जल्दी स्नान कर के दिनभर श्रद्धानुसार दान करने की परंपरा है