नरेन्द्र गिरि की हुई संदिग्ध मौत के मामले क्या फंसा रहा है साजिशकर्ता!

Sep 23 2021

नरेन्द्र गिरि की हुई संदिग्ध मौत के मामले क्या फंसा रहा है साजिशकर्ता!

india emotions, लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की हुई संदिग्ध मौत में अनेक साधू संत व विभिन्न तरह सवाल उठा रहे हैं। संत समुदाय से कोई कहता है कि महंत नरेन्द्र गिरि हस्ताक्षर करने में काफी समय लगाते थे, तो कोई कहता है कि वो हाईस्कूल पास थे और संन्यासी बनने के पहले बैंक में नौकरी कर चुके हैं। सवालों पर सवाल महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध की मौत के बाद उठा रहे हैं। जबकि प्रिय शिष्य आनंद गिरि लगातार दावा कर रहा है कि सच्चाई सामने आयेगी, जो आज गुरु की मौत के आरोप में जेल में हैंं। फिलहाल यूपी सरकार ने सीबीआई को जाँच सौंप दी है। सीबीआई तत्परता दिखाते हुए गुरुवार को प्रयागराज पहुंच कर जाँच शुरू कर दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि का शव करीब पांच बजे उनके कमरे में फासी पर पंखे से लटका पाया गया। शव सेवादार रस्सी काट कर पुलिस को बिना सूचना दिये नीचे उतारे। जबकि महंत की सुरक्षा में लगातार चार पुलिस कर्मी लगे रहते थे, लेकिन जब महंत का शव फासी के फंदे उनके सेवादार नीचे उतारे, तब कोई उनका सुरक्षा कर्मी मौके पर मौजूद नही था बताया जा रहा है।

इन सभी बातें सामने आने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रयागराज व अन्य मठों के कुछ साधू संतों का दावा है कि महंत नरेन्द्र गिरि आत्महत्या नही करने वाले संत थे। महंत की हत्या की गई है।
वहीं कुछ संतो महंतों का कहना है कि नरेन्द्र गिरि के प्रिय शिष्य आनंद गिरि इस शाजिश में शामिल होते तो हरिद्वार से भाग सकते थे।

आनंद गिरि का देश से अलावा विदेशों में कई ठिकाने हैं। कुछ लोगों का दवा है कि आनंद गिरि महंत नरेन्द्र गिरि के दिल से बहुत करीबी थे। जब आस्ट्रेलिया में उनके खिलाफ एक मामला आया था तब महंत नरेन्द्र गिरि बहुत दुखी थे और शिष्य को छुड़ाने के लिए भरकस कोशिश किये थे। लेकिन आस्ट्रेलिया न्यायालय में आरोप साबित नही हुए और आनंद गिरि बरी हो गये थे।

प्रयागराज में नरेन्द्र गिरि मठ के कुछ करीबी का मानना हैं कि आनंद गिरि उनका सबसे लाड़ला शिष्य था। लाड़ला होने के चलते लोग आनंद को छोटे महराज के नाम से पुकारते थे। कुछ नरेन्द्र के गलत फैसलों का आनंद विरोध करता था।

बीते साल गुरु शिष्य के बीच में इतना मनमोटाव बढ़ा कि बात मीडिया में आई। मीडिया में विवाद आने के बाद दोनों के दिलों में दूरियां बनी लेकिन, ये दूरियां ज्यादा दिन तक नही चली। कुछ असरदार लोगों ने दोनों का सुलहनामा करा दिया था और उसके बाद गुरु शिष्य के बीच सामान्य रिश्ता चलने लगा था। फिलहाल मामला कुछ भी हो अब महंत नरेन्द्र गिरि की मौत की जाँच सीबीआई कर रही है, सच्चाई सामने आ जायेगी।