लापरवाही: करोड़ों की सरकारी दवाएं हुईं एक्सपायरी

Aug 17 2021

लापरवाही: करोड़ों की सरकारी दवाएं हुईं एक्सपायरी

india emotions. लखनऊ. उप्र. मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन करोड़ों की एक्सपायरी सरकारी दवाओं को नष्ट करने जा रहा है। हाल ही में कार्पोरेशन ने इस संबंध में नई पॉलिसी का गठन भी किया है। कार्पोरेशन में दवाओं की खरीद से लेकर रखरखाव तक पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। नतीजतन यूपी में करोड़ों की दवाएं गरीब मरीजों पर खपाने के बजाय निजी कम्पनी द्वारा नष्ट करने की जरूरत महसूस हुई है। सीएमएसडी के अफसरों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के इतिहास में सरकारी दवाओं के एक्सपायरी होने का मामला पहले कभी नहीं आया है।

एक्सपायरी सरकारी दवाओं पर नीति के गठन से पहले बड़े अफसरों की एक वेबिनार हुई थी। जिसमें एफएसडीए के ड्रग कंट्रोलर ने भी शिरकत की थी। ड्रग कंट्रोलर ने अपने परामर्श में कहा था कि 75 फीसदी सेल्फ लाइफ होने पर ही दवाओं की खरीद होनी चाहिए। हालाँकि कार्पोरेशन के अफसरों के मुताबिक इससे अधिक लाइफ की दवाएं खरीदी जा रही हैं लेकिन सीएमएसडी के एक अफसर की माने तो अतिरिक्त दवाएं जानबूझकर कुछ जिलों में भेजने से ऐसी स्थितियां पैदा हुई हैं।

एफएसडीए के अफसरों के मुताबिक शेड्यूल पी में दवाओं के लाइफ पीरियड और स्टोरेज कंडीशन पर विस्तार से दिशानिर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों को भी नई पॉलिसी में शामिल किया जाना चाहिए। विभागीय विशेषज्ञों के मुताबिक दवाओं के भंडारण की स्थिति सही न होने पर भी बड़ी संख्या में सरकारी दवाएं एक्सपायरी हो रही हैं। जिस पर कार्पोरेशन के अफसर कटघरे में है क्योंकि यूपीएमएससीएल के वेयर हाउसेज की स्थिति वाकई भगवन भरोसे है साथ ही जिलों में दवाओं की मात्रा भेजे जाने में भी कई अनियमिताएं की जा रही हैं।

हाल में ही एक जिले में लाखों इंजेक्शन भेजे गए। जबकि यहाँ इतने इंजेक्शन रखने की जगह नहीं थी और वेयर हॉउस भी बदलने जा रहा था। वेयर हॉउस के मैनेजर ने कार्पोरेशन के अफसरों से इतने इंजेक्शन न भेजकर अन्य जिलों में भी सप्लाई वितरित करने की गुजारिश की। इसके बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं की गयी।

वेयर हॉउस की शिफ्टिंग पर भी लाखों रुपयों का खर्च अनावश्यक किया जा रहा है जिलों में सरकारी दवाओं के रखरखाव में बरती जा रही लापरवाही से सरकारी बजट की क्षति भी हो रही है। हालाँकि मेडिकल सप्लाई कार्पोरेशन में सप्लाई चेन से जुड़े एक अफसर के मुताबिक हमारे वेयर हाउसेज में पर्याप्त जगह है। लापरवाही किसी स्तर पर नहीं हो रही है। पहले वेयर हाउसेज न होने पर ऐसी दिक्कतें आती थी। अब कोरोना के कारण भी दवाएं एक्सपायरी हो रही हैं।