पहलू खान हत्याकांड में सभी आरोपी बरी, भीड़ ने पीट-पीटकर की थी हत्या

Aug 14 2019

पहलू खान हत्याकांड में सभी आरोपी बरी, भीड़ ने पीट-पीटकर की थी हत्या

इंडिया इमोशंस न्यूज अलवर। राजस्थान के अलवर जिले के चर्चित मॉब लिंचिंग पहलू खान हत्याकांड मामले में बुधवार को एडीजे कोर्ट अपना फैसला सुनाया। अलवर जिला न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सभी सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया है।

अलवर कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। वीडियो में आरोपियों का चेहरा नहीं दिखा और पहलू खान के बेटों की गवाही को भी तवज्जो नहीं मिली है।

इसके अलावा वीडियो बनाने वाला शख्स भी अपने बयान से मुकर गया। यह फैसला आने के बाद पहलू खान के परिवार की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।

इससे पहले पहलू खान मॉब लिंचिंग केस में सीबीसीआईडी ने नामजद 6 व्यक्तियों को (सुधीर यादव, हुकमचंद यादव, ओम यादव, नवीन शर्मा, राहुल सैनी और जगमाल सिंह) आरोपी नहीं माना था। उनकी जगह वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर 9 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार, दीपक गोलियां और भीमराठी ओर दो नाबालिग को आरोपी बनाया था। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं।

बता दें कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूह मेवात जिले के जयसिंहपूरा गांव निवासी पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहा था। इस बीच अलवर के बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई थी।

अपर लोक अभियोजक योगेंद खटाणा ने बताया कि दो अप्रैल 2017 को बहरोड़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद और योगेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट 31 मई 2017 को पेश की थी। इसके बाद पुलिस ने दीपक गोलियां और भीमराठी को भी आरोपी मानते हुए सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। उन्होंने बताया कि एडीजे कोर्ट में पुलिस द्वारा चार्जशीट पेश होने के बाद लगातार सुनवाई हुई। पहलू खान के बेटों सहित 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए हैं।

गौरतलब है कि यह मामला राजस्थान से लेकर दिल्ली तक उठा था। इस मामले में वसुंधरा सरकार को देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी। पिछले दिनों सरकरा ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है।