रायबरेली : भूख से तड़प रहे परिवार का मददगार बना दारोगा, मदद के लिए पुलिस चौकी पहुंचा था मासूम
India Emotions. रायबरेली। उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों को भूखा न सोना पड़े इस लिए सरकार कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। फ्री में सभी को राशन व गरीब परिवारों मकान व शौचालय आदि। सरकार के प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी लाभकारी योजनाएं जनता तक कितना पहूंच रहा हैं। इसका एक ताजा मामला रविवार को रायबरेली का प्रकाश में आया है।
बीते रविवार पुलिस चौकी जहानाबाद में एक आठ वर्षीय बच्चा भूखा प्यासा पहुंचता है और वहां मौजूद चौकी इंचार्ज से रोते हुए बोलता है कि, साहब घर में न राशन है और न ही एक रुपया है, जिसके कारण दो दिनों से खाना नही बना है। माँँ व तीन बहनें भूख से तड़प रही हैं। बच्चे की यह बात सुनकर चौकी इंचार्ज भावुक हो गए और बाजार से राशन खरीद कर उसके घर पहुंचा दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक रायबरेली के मूलरूप से डीह क्षेत्र का रहने वाला शाहरुख अपनी मां और तीन बड़ी बहनों के साथ किला बाजार में रिश्तेदार के घर रहता है। वह एक दुकान पर काम करता है। उसकी मां भी घरों पर जाकर चौका बर्तन करती हैं। इस तरह से करीब पांच वर्षों से परिवार का गुजर बसर चल रहा है। शाहरूख ने बताया,कि लॉकडाउन के चलते उसका और उसकी माँ का काम छूट गया है। इस लिए उसके घर दो दिनों से खाना नहीं बना। घर पर एक रुपया भी नहीं है।
आज भी पत्थर चकिया में पीसा जाता है आटा
शाहरुख ने बताया कि उसके घर में पत्थर की चकिया से आज भी गेंहू पीसा जाता है। घर के सामने से जब सब्जी वाला ठेला निकलता है तो हम सब मन मार कर रह जाते हैं। क्योंकि सब्जी खरीदने के लिए पैसे नही हैं। रविवार को वह बड़े उदास मन से वह घर से निकला और जहानाबाद पुलिस चौकी देख वह मदद मांगने चला गया। वहां मौजूद इंचार्ज प्रवीर गौतम से अपनी पीड़ा बताई। दारोगा भावुक हुए आनन-फानन राशन का सारा सामान मंगाया। बच्चे ने बकरीद का जिक्र किया तो उससे लिस्ट मांगकर अन्य जरूरी सामान भी मंगा दिया। उसे नगदी भी दी और कहा कि जब भी आवश्यकता पड़े, वह फोन ही संपर्क कर सकता है।