बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बने कथावाचक, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
India Emotions, बिहार। चौबे गये थे छोब्वे बनाने लेकिन वापस लौटे दुबे बनकर। हाँ ये हैं 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी और बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय। इन दिनों इनका एक वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है,जिसमे श्री पान्डेय नये अवतार में कथावाचक बन गये हैं। डीजीपी पद रिजाइन देकर चुनाव लड़कर मंत्री बनना चाह रहे थे। मंत्री विधायक बनने का सपना टूटा तो कथावाचक बन गये।
स्वर्गीय फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती को फसाने को लेकर पूर्व डीजीपी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने डीजीपी के पद से वीआरएस ले ली थी। चर्चा थी कि वे चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब सोशल मीडिया पर उनका कथा करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो के एक पोस्टर में कथावाचक के तौर पर पूर्व डीजीपी की तस्वीर लगी है और लोगों को जूम ऐप के जरिए कथा वाचन से जुड़ने का आमंत्रण दिया गया है।
तस्वीर में पांडेय गेरुआ वस्त्र पहनकर भक्ति में लीन दिखाई दे रहे हैं और श्रीमद्भागवत कथा सुना रहे हैं। कथा सुनने के लिए जारी पोस्टर में जूम आईडी और पासकोड दिया गया है। इसमें लिखा है कि यह कथा दोपहर के दो बजे से तीन बजे तक होगी।
इसके पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 में बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिये थे, लेकिन टिकट मिला नहीं तो वापस सेवा में आने की अर्जी दी। इसे 9 महीने बाद नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया था। इसके बाद 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दोबारा वीआरएस ली लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी।
सुंशांत सिंह मामले में लगातार मीडिया के चैनलों पर पुलिस अधिकारी के बजाय राजनेताओं जैसे इण्टरव्यू दे रहे। लेकिन नीतीश कुमार ने उनके बड़बोलेपन पर चुनाव लड़ने के लिए टिकट ही नही दिया था।