राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की भाभी का छलका दर्द, उनके हाथों से बनी कढ़ी-चावल नही खा पायेंगे देवर

Jun 24 2021

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की भाभी का छलका दर्द, उनके हाथों से बनी कढ़ी-चावल नही खा पायेंगे देवर

India Emotions, Kanpur. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 27 जून को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित अपने जन्मस्थान परौंख गांव आएंगे। राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है, जब वे अपने जन्मस्थान आएंगे। इस दौरान झींझक के ओम नगर में रहने वाली राष्ट्रपति की भाभी विद्यावती का दर्द छलक पड़ा।
उन्होंने कहा, उनके घर पर आए अफसरों ने मना किया है कि राष्ट्रपति को घर से कुछ बनाकर दिया नहीं जा सकता है।

इतना कहते-कहते उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा, 'हमाए लल्ला को रसियाउर और हमाए हाथ के पेड़ा बहुत पसंद है। अफसर हमें रोके हैं, लल्ला को घर से कछु बनाए के नहीं खिलाए सकत हैं।

कानपुर देहात के झींझक में ओमनगर निवासी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाई और भाभी उनसे मुलाकात के लिए उत्साहित हैं। राष्ट्रपति को भाभी के हाथ की कढ़ी और रसियाउर बहुत पसंद है। उन्होंने बताया कि कोविंद बेहद सरल स्वभाव के हैं। बिहार का राज्यपाल बनने के बाद भी झींझक में घर आकर परिवार का हालचाल लेते रहे।

ऊंचे ओहदे पर पहुंचने के बाद भी क्षेत्रीय लोगों को नहीं भूले हैं। विद्यावती ने बताया कि 1991 में घाटमपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद रामनाथ कोविंद उदास हो गए थे।तब उन्होंने हौसला अफजाई करते हुए राजनीति में बने रहने की बात कही थी।

बड़े भाई प्यारेलाल ने बताया कि वह परिवार के साथ शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति भवन पहुंचे, तो छोटे भाई को राष्ट्रपति की शपथ लेते देख आंखों से आंसू छलक आए थे।

भाभी ने बताया कि देवर रामनाथ कोविंद को कढ़ी व रसियाउर (गन्ने के रस में पका चावल) बहुत पसंद है। अक्सर वह यही खाते थे। फिलहाल उनकी सेहत ठीक नहीं है। अबकी बार घर बना खाना वो नही खा पायेंगे।