इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में सेंध, भारत ने जताया विरोध

Jun 09 2021

इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में सेंध, भारत ने जताया विरोध

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: अपने जन्म से पहले भारत (India) से अपनी नफरत और दुश्मनी के चलते पाकिस्तान (Pakistan) अब राजनयिक संबंधों की गरिमा को भी भूलता जा रहा है. इस कारण केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा में हुई चूक की जांच को लेकर एक कड़ा पत्र इमरान खान सरकार को लिखना पड़ा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारतीय उच्चायोग के बाहर संदिग्ध गतिविधियों को देखे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार से इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन उस पर कोई प्रतिक्रिया न होते देख बकायदा पत्र लिख लापरवाही की बात कही गई है.


भारत ने जांच करने को कहा
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग बेहद सुरक्षित इलाके में माना जाता है. वहां आम आदमियों के प्रवेश की अनुमति तक नहीं है. इशके बावजूद भारतीय उच्चायोग पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की ओर से भी सुरक्षा व्यवस्था में खासी लापरवाही बरती जा रही है. भारत ने उच्चायोग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पाकिस्तान के ढुलमुल रवैये पर अपना विरोध दर्ज कराया है. इस कड़ी में भारत सरकार ने पाकिस्तान से हाल ही में भारतीय उच्चायोग के बाहर एक कथित सुरक्षा उल्लंघन की जांच करने को कहा है.

इस तरह हुई सुरक्षा में चूक
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मई के अंतिम हफ्ते में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर हाई सिक्योरिटी जोन यानी राजनयिक एन्क्लेव में कुछ संदिग्ध गतिविधियों को देखा गया. प्रतिबंधित क्षेत्र में एक गाड़ी आकर रुकी. इसमें से लोगों को पीपीई किट समेत कोविड-19 राहत सामग्री के बॉक्स उतारते देखा गया. इनमें से एक ने बॉक्स के साथ खड़े होकर तस्वीरें भी क्लिक कीं. इन तस्वीरों के बैकग्राउंड में भारतीय उच्चायोग था. यह सब तब किया गया जब इस इलाके में फोटोग्राफी प्रतिबंधित है.

पाकिस्तान पुलिस कर्मी भी दिखे साथ
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इन लोगों के साथ कुछ पुलिसकर्मी भी थे, जिससे यह संदेह पैदा हो गया कि स्थानीय अधिकारियों ने इसमें मदद की होगी. भारतीय अधिकारियों ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए पाकिस्तान से आधिकारिक तौर पर जांच के लिए कहा है. हालांकि, उस घटना के पीछे का मकसद अब तक पता नहीं चल सका है. बता दें कि उच्चायोग में एक आम पाकिस्तानी नागरिक को भी प्रवेश करने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है.