बड़े मंगल पर श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा किया पाठ, नजर नहीं आए भंडारे

Jun 01 2021

बड़े मंगल पर श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा किया पाठ, नजर नहीं आए भंडारे
Jai Bajrangbali

India Emotions, Lucknow. ज्येष्ठ मास के बड़े मंगल पर श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा व सुंदरकांड पाठ किया। प्रतिबंध के बीच श्रद्धालुओं ने मंदिरों में दूर से ही पूजन किया। बड़े मंगल पर हनुमान सेतु मंदिर में उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा अपनी पत्नी के साथ दर्शन करने पहुंचे।

कोरोना काल के बीच ज्येष्ठ मास के बड़े मंगल पर जहां मंदिरों में पुजारियों ने बजरंग बली की आरती उतारी तो घरों में श्रद्धालुओं ने कलियुग के एक मात्र जग्रत देव बजरंग बली काे याद कर कोरोना से मुक्ति की कामना की।

दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर हजरतगंज में पुजारी ने श्रृंगार किया तो दर्शन के लिए श्रद्धालु भी आने लगे। गर्भ गृह में प्रतिबंध के बीच श्रद्धालुओं ने दूर से ही पूजन किया। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में भी श्रृंगार के साथ ही मंदिर के कपाट तो खाेल दिए गए, लेकिन मंदिर में प्रवेश वर्जित रहा। श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर चबूतरे से बाबा के दर्शन कर मन्नत मांगी। नए हनुमान मंदिर के अनिल तिवारी ने पहले से ही मंदिर बंद करने की घोषणा कर दी थी जिससे श्रद्धालुओं की संख्या कम रही लेकिन जो आए वे बाहर से दर्शन करके वापस गए। हनुमान सेतु मंदिर में भी भोर आरती के साथ ही मंदिर के कपाट खोले गए लेकिन गेट बंद होने से लखनऊ विवि रोड पर खड़े होकर लोगों ने दर्शन किए। पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम सिंह ने पूजन व श्रृंगार किया। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में पुजारी पवन मिश्रा ने तुलसी से बाबा का श्रृंगार किया। गेट के बाहर से लोगों ने दर्शन किए। टड़ियन हनुमान मंदिर, तालकटोरा रोड के बाला जी मंदिर, आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर व बारा बिरवा के हनुमान मंदिर समेत सभी मंदिरों के सामने श्रद्धालु दर्शन करते नजर आए।

ऐतिहासिक अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में जमीन पर लेट कर श्रद्धालु परिक्रमा करते हुए आते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुअ नजर नहीं आए। मान्यता है कि जब नया हनुमान मंदिर की स्थापना की जाती है पुराने हनुमान मंदिर में बजरंग बली को चोला चढ़ाया जाता है और उनका उतारा गया चोला श्रद्धालु स्थापित होने वाले नए मंदिर के लिए ले जाते हैं। सनतन काल से यह परंपरा चली आ रही है। संक्रमण की वजह से आसपास के जिलों से भी लोग नहीं आ सके। सुबह से ही बादलों के साथ ठंडी हवाएं श्रद्धालुओं को राहत दे रही रही थीं। कोरोना के चलते भंडारे नजर नहीं आए।