केंद्र ने कई राज्यों को किया अलर्ट, 8 हजार और सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में भेजा

Aug 05 2019

केंद्र ने कई राज्यों को किया अलर्ट, 8 हजार और सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में भेजा

इंडिया इमोशंस न्यूज श्रीनगर। श्रीनगर में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। उमर अब्दुल्लाह समेत कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और सीपीएम नेता तारिगामी को गिरफ्तार कर लिया गया है। श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है, लेकिन इस दौरान आम लोगों के आने-जाने पर रोक रहेगी। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह कर्फ्यू नहीं है, लेकिन किसी भी किस्म की रैली या जनसभा आदि करने पर पाबंदी है।

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- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले के बाद राज्य में 8 हजार के करीब अर्धसैनिक बलों को उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और देश के अन्य हिस्सों से कश्मीर घाटी में लाया गया है। घाटी में सैनिकों की तैनाती जारी है।

- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले के बाद राज्य में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। धारा 144 लागू है। राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर रोक है। आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

- कश्मीर मुद्दे पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद और सीपीआईएम ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

- जम्मू-कश्मीर पर नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक चल रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस से मॉक ड्रिल चलाने का निर्देश भी जारी किया गया है।

- पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे और मीर मोहम्मद फैयाज हाथों में काली पट्टी बांधकर संसद पहुचे। कश्मीर में मौजूदा हालात का काली पट्टी बांधकर किया विरोध।

- श्रीनगर में धारा 144 के बीच सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है।

बता दे, जम्मू कश्मीर में पहले अतिरिक्त जवानों की तैनाती का फैसला लिया गया, फिर अमरनाथ यात्रा रोकी गई और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को घाटी से वापस जाने को कहा गया। अब खबर आई है कि जम्मू और कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है। ये अगले आदेश तक लागू रहेगी। जम्मू में सुबह 6 बजे से धारा 144 लगा दी गई है।

आदेश दिया गया है कि जनता का कोई मूवमेंट नहीं होगा। इस आदेश के संचालन की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभा या रैलियां आयोजित करने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। जम्मू जिला प्रशासन ने अधिकारियों को एहतियात के तौर पर सोमवार को स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के लिए कहा है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक की डीजीपी के साथ आपात बैठक जारी है। मुख्य सचिव भी बैठक में मौजूद हैं। महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद करने की खबर है।

इंदु कंवल चिब, उपायुक्त रियासी (जम्मू और कश्मीर) ने कहा, 'रियासी जिले में धारा 144 लगाई गई है, सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों की निजी और सरकारी दोनों तरह की कक्षाओं को अगले आदेश तक 5 अगस्त तक एहतियात के तौर पर निलंबित रखा जाएगा।' कश्मीर यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। विनय तुषु, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया, 'विश्वविद्यालय 5 अगस्त 2019 को बंद रहेगा। 5 अगस्त, 2019 को होने वाली स्नातक और स्नातकोत्तर की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।' राघव लेंगर, उपायुक्त कठुआ (जम्मू और कश्मीर) ने कहा, 'कठुआ में 5 अगस्त से स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।'

कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की तैनाती के बीच जम्मू क्षेत्र में भी सुरक्षा बढ़ाई दी गई है और सीमावर्ती पुंछ और राजौरी जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है। सोमवार को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक भी होनी है। उधमपुर में 5 अगस्त से अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे; 5-6 अगस्त को डोडा में बंद रहेंगे। कांग्रेस नेता उस्मान माजिद और माकपा विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, 'मोबाइल कवरेज सहित इंटरनेट के बंद होने की खबरें आ रही हैं। कर्फ्यू भी जारी किया जा सकता है। भगवान जानता है कि कल हमारा क्या इंतजार कर रहा है। यह एक लंबी रात होने जा रही है। ऐसे कठिन समय में मैं अपने लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहती हूं कि जो हो, हम इसमें एक साथ हों और इसका मुकाबला करेंगे। जो कुछ भी हमारा अधिकार है उसके लिए प्रयास करने के लिए हमारे संकल्प को कुछ भी नहीं तोड़ना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जो शांति के लिए लड़े थे, घर में नजरबंद हैं। वही कश्मीर जिसने एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को चुना था, अकल्पनीय उत्पीड़न का सामना कर रहा है। भारत जागो।'

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'अगर राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो मोबाइल इंटरनेट अब डाउन हो रहा है, एक अनौपचारिक कर्फ्यू शुरू होने जा रहा है और मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है। मेरा मानना है कि मुझे आज रात से घर में नजरबंद रखा जा रहा है और यह प्रक्रिया अन्य मुख्यधारा के नेताओं के लिए शुरू हो चुकी है। अल्लाह हमें बचाए।'