आईएनएस विराट 40 प्रतिशत नष्ट हो चुका, यह संग्रहालय में तब्दील नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

Apr 12 2021

आईएनएस विराट 40 प्रतिशत नष्ट हो चुका, यह संग्रहालय में तब्दील नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। युद्धपोत आईएनएस विराट को एक संग्रहालय में बदलने की एक निजी कंपनी की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदलने की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसे पहले से ही 40 प्रतिशत तोड़ा जा चुका है।

न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यन के साथ ही प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने निजी कंपनी एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से कहा, "आप बहुत देर से आए हैं, 40 प्रतिशत जहाज पहले ही ध्वस्त हो चुका है, ऐसे में आप इसे कैसे संग्रहालय बना पाएंगे।"

इस पर कंपनी के वकील ने दलील देते हुए कहा कि वह एक प्रतिष्ठित कंपनी की सेवाएं ले सकते हैं और एक सर्वेक्षण करा सकते हैं और इसके बाद मामले में शीर्ष अदालत में जा सकते हैं।

इस पर पीठ ने जवाब दिया, "किसी ने जहाज के लिए अच्छे पैसे का भुगतान किया था। सरकार ने जहाज की बिक्री के लिए कानूनी लेन-देन में प्रवेश किया। उन्होंने 40 प्रतिशत को नष्ट कर दिया है। आपको मामले में बहुत देर हो चुकी है।"

पीठ ने कहा कि जहां तक राष्ट्रवाद की बात है तो हम आपके साथ हैं, लेकिन आपको बहुत देर हो चुकी है।

गुजरात के भावनगर जिले के अलंग में एक निजी कंपनी श्री राम ग्रुप ने विराट को पिछले साल जुलाई में हुई नीलामी में 38.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में इसके विखंडन या तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की थी।

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने श्री राम ग्रुप का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि बंबई हाईकोर्ट ने कंपनी को रक्षा मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने और उनकी अनुमति लेने के लिए कहा था। धवन ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा, "हम हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने आपको (निजी फर्म) एक अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की अनुमति दी और सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया। ठीक है खारिज कर दिया।"

इससे पहले 5 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने कहा था, "जहाज अब एक निजी संपत्ति है। इसका 40 प्रतिशत हिस्सा पहले ही नष्ट हो चुका है और इसे अब विमान वाहक का दर्जा नहीं दिया जा सकता है।"

फरवरी में शीर्ष अदालत ने आईएनएस विराट के तोड़ने पर रोक लगा दी थी, जो लगभग तीन दशकों तक भारतीय नौसेना के साथ सेवारत रहा था और इसे रिटायर होने के बाद सितंबर 2020 से गुजरात के अलांग के जहाज-ब्रेकिंग यार्ड में समुद्र तट पर खड़ा कर दिया गया। (आईएएनएस)