सपाई खुरपेंच से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर निकाला गुस्सा

Oct 30 2020

सपाई खुरपेंच से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव पर निकाला गुस्सा
सपा को हराने के लिए भाजपा को भी वोट करना पड़े तो करेंगे: मायावती

india emotions political ndesk, lucknow. बसपा में बगावत से बौखलाईं पार्टी सुप्रीमो सुश्री मायावती ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमलावर होते हुए चौंकाने वाला बयान दिया है। गुरुवार को लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि, सपा को हराने के लिए अगर किसी विरोधी दल या भाजपा को भी वोट करना पड़े तो हम वह भी करेंगे। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने बगावत करने के आरोप में सात विधायकों को पार्टी से निलम्बित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर बगावती कहे जाने वाले बसपा विधायकों ने तर्क दिया कि, हम अब भी बसपा के ही विधायक हैं और समाजवादी पार्टी में जाने जैसी कोई पहल नहीं है। इस बीच मायावती के बयान का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उनपर तंज किया कि, क्या अब भी कुछ कहना बाकी रह गया है।

28 अक्टूबर को राज्यसभा नामांकन में पार्टी उम्मीदवार रामजी गौतम के प्रस्तावक बने बसपा के दस विधायकों में से चार ने बगावत कर अपना नाम वापस ले लिया था। बसपा विधायकों में से कुछ ने बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। साफतौर पर बसपा सुप्रीमो के ताजे बयान को यूपी में नौ नवंबर होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में पार्टी को लगे झटके से जोड़कर देखा जा सकता है। हालांकि, सपा समर्थक निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज होने और बसपा उम्मीदवार रामजी गौतम का पर्चा सही पाये जाने के बाद बसपा प्रमुख ने राहत की सांस तो ली लेकिन, गुरुवार को समाजवादी के प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर भड़ास भी निकाली।

मायावती ने यह भी कहा कि सपा से गठबंधन की भलाई के लिए 1995 के गेस्ट हाउस कांड का केस वापस लेना उनकी भूल थी। उनके मुताबिक, 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी भी बुरी गति होगी। बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने भी कहा कि खरीद-फरोख्त सपा की पुरानी प्रथा है। मायावती ने स्पष्टतौर पर कहा कि, यूपी के विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए जरूरी हुआ तो भाजपा के पक्ष में भी वोट करेंगी।

माया बोलीं, सपा से हाथ मिलाना भूल थी
मायावती ने कहा, हमें 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा से हाथ नहीं मिलाना चाहिए था। हमें इस बारे गहराई से सोचना चाहिए था, लेकिन हमने जल्दबाजी में निर्णय लिया। बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि हमने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन अखिलेश पहले ही दिन से सतीश मिश्र से कहते रहे कि दोनों दलों ने हाथ मिला लिया है, लिहाजा केस वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा में पारिवारिक फूट के कारण गठबंधन का उन्हें ज्यादा लाभ नहीं मिला। चुनाव बाद उनकी बेरुखी के कारण हमने नाता तोड़ लिया।

प्रियंका का आया तंज वाला ट्वीट
चूंकि, मायावती ने कहा है कि, जो भी दल सपा को हराने की स्थिति में होगा, उसे बीएसपी का वोट सुनिश्चित किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मायावती के बीजेपी को परोक्ष समर्थन के संकेत पर बसपा सुप्रीमो के वीडियो के साथ कमेंट किया, क्या अब और कुछ कहना बाकी रह गया है।

बागी विधायकों ने भी मढ़े आरोप
इस बीच बागी विधायकों का कहना था कि पार्टी में उनकी अनदेखी हो रही थी और बीजेपी से मिलीभगत की तैयारी थी। बीएसपी के प्रयागराज की हांडिया सीट से विधायक हाकम लाल बिंद का कहना है कि उनका फर्जी हस्ताक्षर करके पर्चा दाखिल किया गया था। साथ ही यह भी इल्जाम लगाया कि, पार्टी कोआर्डिनेटर उनसे कोई संपर्क नहीं रखते, किसी बैठक में नहीं बुलाते। इन विधायकों में से कुछ ने कहा कि, उन्हें एहसास हो गया है कि मायावती बीजेपी के साथ मिल गई हैं। इसलिए उन्होंने प्रस्ताव के बाद भी अपना नाम वापस लेने की चिट्ठी दी थी।

पहले से पता था बीजेपी को सपोर्ट करेंगी: सपा
उधर उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद के नौगावां सादात विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन के प्रत्याशी मौलाना जावेद आब्दी के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव पत्रकारों से बात करते हुए मायावती पर भी निशाना साधा। कहा कि उनके बयान पहले भी आ चुके हैं और अब स्पष्ट हो चुका है कि वे विधान परिषद चुनाव में भाजपा की मदद करेंगी।


मायावती ने इन सात बागी विधायकों को किया निलम्बित
असलम राइनी (भिनगा- श्रावस्ती)
असलम अली (धौलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया-प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल (मुंगरा-बादशाहपुर)
वंदना सिंह (सगड़ी-आजमगढ़)