#मिशनशक्ति: जेंडर सेंसटाइजेशन विषय पर वूमेन पावर लाइन-1090 के सहयोग से परिवहन निगम कार्यशाला

Oct 22 2020

#मिशनशक्ति: जेंडर सेंसटाइजेशन विषय पर वूमेन पावर लाइन-1090 के सहयोग से परिवहन निगम कार्यशाला

india emotions newsnetwork, लखनऊ. ‘मिशन शक्ति‘ कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं एवं बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालम्बन के लिये परिवहन विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों के अन्तर्गत आज ‘जेंडर सेंसटाइजेशन‘ विषय पर महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (वूमेन पावर लाइन-1090) उत्तर प्रदेश के सहयोग से परिवहन निगम मुख्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में परिवहन आयुक्त धीरज साहू, संगठन एवं परिवहन निगम मुख्यालय में कार्यरत समस्त महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


कार्यक्रम मंे परिवहन विभाग द्वारा यात्री वाहन के साथ-साथ अन्य चालकों को महिलाओं एवं बालिकाओं के सम्मान हेतु विहैवियरल आॅन लाइन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में प्राइवेट बसों, परिवहन निगम की बसों, ओला, उबर, टैक्सी, आॅटो तथा ई-रिक्षा के चालकों का प्रतिभाग सुनिश्चित कराया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी 75 जनपदों के सहायक संभागीय परिवहन कार्यालयों में स्थापित एलईडी टीवी व 153 हार्न से परिवहन निगम के सभी डिपों को जोड़ते हुए एनजीओ सेव लाइफ फाउण्डेशन द्वारा प्रशिक्षण में सहयोग प्रदान किया गया। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 4250 चालकों को प्रशिक्षित किये गया।


कार्यशाला की मुख्य अतिथि श्रीमती नीरा रावत, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर एक प्रजेंटेशन दिया गया। उनके द्वारा बताया गया कि परिवार में माँ के रूप मंे महिला की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक माँ न केवल बच्चें का जन्म देती है वरन वह बच्चें की माँ साथ-साथ पहली गुरू भी है। स्वयं माता को अपने बच्चों में कोई भेद नहीं करना चाहिए तथा बालक व बालिका का समान रूप से लालन-पालन एवं समान रूप से उनकी शिक्षा देनी चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर अपने साथ होने वाले अत्याचारों या किसी भी तरह के शोषण के विरूद्ध मुखर होने की आवश्यकता है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, परिवहन राजेश कुमार सिहं ने महिला अधिकारों व उनकों वोट देने के अधिकार के बारे में विकसित राष्ट्रों का उदाहरण देकर बताया कि विकसित देशों मे महिलाओं को वोट देने का अधिकार पुरूषों की तुलना में बहुत बाद में मिला। इसके विपरीत भारत में आजादी मिलने के उपरांत 26, जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही महिला व पुरूष दोनों को एक साथ समान रूप से वोट का अधिकार प्रदान किया गया। महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना व उनकों बराबरी का दर्जा दिये जाने की शुरूआत प्रत्येक घर में और उसमें भी स्वयं से होनी चाहिए।

महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी प्राप्त करते हुए उन्हें प्रत्येक दशा में अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं महिला शक्ति के अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा अब तक किये जा रहे कार्यों का विवरण परिवहन आयुक्त एवं प्रबंध निदेशक धीरज साहू द्वारा दिया गया। कार्यशाला के प्रजेंटेशन के उपरांत प्रश्नोत्तर काल डा. नामिता वर्मा, विषेश कार्याधिकारी, सड़क सुरक्षा सेल द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पुष्प सेन सत्यार्थी, उप परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ मुख्य रूप से गंगा फल, अपर परिवहन आयुक्त, सड़क सुरक्षा, सुश्री नीति द्विवेदी, अपर पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, श्रीमती सुनीता आदित्य वित्त नियंत्रक, सुश्री ऋतु सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, मुख्यालय, श्रीमती क्षमता रावत, विषेश कार्याधिकारी, सड़क सुरक्षा सेल, राजीव चैहान, प्रधान प्रबंधक (संचालक) परिवहन निगम तथा आशुतोष गौड़, स्टाफ आफिसर, परिवहन निगम उपस्थित रहें।