सीमैप (CIMAP) ने रिलीज़ किया सुगंधित तेल पर आधारित सीमरेस्पकूल फॉर्मुलेशन

Jun 06 2020

सीमैप (CIMAP) ने रिलीज़ किया सुगंधित तेल पर आधारित सीमरेस्पकूल फॉर्मुलेशन

इंडिया इमोशंस न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। सीएसआईआर - सीमैप ने सुगंधित तेल पर आधारित सीमरेस्पकूल (CIMRespCool) जो पर्यावरणीय कोन्टामीनंट्स, वायरस तथा साँस जनित रोगों में सहायक् हो सकता है रिलीज़ किया गया। इस फॉर्मुलेशन को डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक तथा डॉ. अजीत शासने, मुख्य वैज्ञानिक सीमैप द्वारा शनिवार को रिलीज़ किया गया।

इस अवसर पर निदेशक सीमैप ने कहा कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रबंधन के लिए सुगंधित तेलों का उपयोग हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। इन सुगंधित तेलों को ह्यूमिडिफायर से वाष्पीकरण करके उपयोग किया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध वेपराइज़र उत्पाद अधिकाँशतः सिंथेटिक रसायन होते हैं और एलर्जी कर सकते है। सीमैप द्वारा बनाया गया फॉर्मुलेशन प्राकृतिक सुगंधित तेलों से तैयार किया गया है जो कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया गया है।

वही डॉ. अजीत शासने ने बताया कि सीमरेस्पकूल (CIMRespCool) फॉर्मुलेशन को डिफ्यूज़र के लिए एक (ओवर द काउंटर) ओटीसी उत्पाद की तरह विकसित किया है। इस फॉर्मुलेशन को पाँच आवश्यक तेलों से विकसित किया गया है जो न केवल रोगाणुओं के व्यापक स्पेक्ट्रम के प्रबंधन के लिए सहायक पाया गया है, बल्कि वायरस सहित पर्यावरणीय कोन्टामीनंट्स तथा साँस जनित रोगों में भी सहायक हो सकता है।


इस फॉर्मुलेशन से न केवल वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है बल्कि यह सुगंध भी प्रदान करता है। फॉर्मुलेशन को विकसित करने के लिए आवश्यक तेलों जैसे मेंथा, रोज़मेरी, तुलसी आदि का उपयोग किया गया है। वैज्ञानिक परीक्षण में पाया गया कि उत्पाद सुरक्षित है और इसका उपयोग होम, ऑफिस, अस्पताल आदि में एक डिफ्यूज़र (किसी भी प्रकार) में किया जा सकता है।


डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक, सीमैप ने सीमरेस्पकूल (CIMRespCool) उत्पाद केजीएम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट को कोरोना वार्डों में मूल्यांकन के लिए सौंपा। इस दौरान डॉ. अजीत शासने, डॉ. मनोज सेमवाल और डॉ. संदीप तिवारी भी उपस्थित थे।

फॉर्मुलेशन की विशेषताएं :
- वैज्ञानिक प्रमाणीकरण और नॉलेजबेस के आधार पर वायरस सहित एंटी-माइक्रोबियल और पर्यावरणीय कोन्टामीनंट्स पर प्रभावी पाया गया।
- होम, ऑफिस, अस्पताल आदि के लिए उपर्युक्त।
- वैज्ञानिक मान्यताओं के आधार पर नॉनटॉक्सिक पाया गया।
- सांस की तकलीफ के खिलाफ प्रभावी पाया गया।

टीम के सदस्य :

अनिर्बान पाल, एनपी यादव, सीएस चनोटिया, डीएन मणि, डीयू बावनकुले, सुएब लुकमान, आभा मीणा, पीके राउत, रमेश श्रीवास्तव, मनोज सेमवाल, सुदीप टंडन, प्रबोध के त्रिवेदी और डॉ. अजीत शासने हैं।