प्राइवेट विद्यालय कर रहे सरकार के आदेशों की अवेहलना, शिक्षको को विद्यालय आकर ऑनलाइन क्लास लेने के निर्देश

Jun 01 2020

प्राइवेट विद्यालय कर रहे सरकार के आदेशों की अवेहलना, शिक्षको को विद्यालय आकर ऑनलाइन क्लास लेने के निर्देश

india emotions news network, (press release), lucknow. हमारा देश इस समय एक भयंकर महामारी से लड़ रहा है इसी क्रम में यह भी कहना उचित है कि हमारा देश और देशो की अपेक्षा में बेहतर तरीक़े से लड़ रहा है।मौजूदा सरकार हर वो कदम उठा रही है जिससे देश के नागरिक सुरक्षित रह सके। परंतु अभी कुछ ऐसे लोग है जो खुद को सरकार से ऊपर खुद को समझ रहे हैं।सरकारों को ऐसे लोगो पर सख्ती से कार्यवाही करने की आवश्यकता हैं।

एक तरफ सरकार कुछ जरूरी विभागों को वापस खुलने के साथ इस लॉक डाउन से बाहर आने की शुरुआत कर रही है तथा कुछ विभागों को सुरक्षा की दृष्टि से अभी न खोलने को कहा गया है जिन पर जुलाई माह में निर्णय लिया जायेगा। परंतु अब कुछ विभाग सरकारों से खुद को ऊपर समझते हुए तथा सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए अपने कर्मचारियों को कार्य स्थल पर आने का दबाव बनाना शुरू कर रहे हैं।

इसी के अनुसार जहां केंद्र सरकार ने स्कूलों को अभी पूर्णतया बन्द करने का निर्णय लिया है वही दूसरी तरफ स्कूलों के शिक्षको से स्कूल आने का दबाव बनाया जा रहा हैं जो उचित नही हैं और स्कूल से ऑनलाइन क्लास लेने को कहा जा रहा है जबकि सभी शिक्षक लॉक डाउन में अपने घर से ही ऑनलाइन क्लास का कार्य बिना किसी रुकावट के कर रहे है और बच्चो की शिक्षा पर उचित ध्यान भी दे रहे है।

ऐसे में शिक्षको पर स्कूल आकर ऑनलाइन क्लास लेने का दबाव बनाना क्या उचित है? ये सरासर केंद्र सरकार के निर्देशो का उल्लंघन है। अगर इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक विद्यालय जाना प्रारंभ कर देंगे और संक्रमण की दृष्टि से यह खतरनाक स्थिति को जन्म देने वाला होगा।

विद्यालयो को समझना चाहिए की ऐसे में वह शिक्षको को स्कूल आने को कहते है और किसी भी शिक्षक को यह संक्रमण हो जाता है तो आने वाले समय मे बच्चो में भी यह संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जायेगी।क्या विद्यालय कुछ समय प्रतीक्षा नही कर सकते है कि कुछ स्थिति सामान्य की ओर अग्रसर हो जाये उसके बाद विद्यायल परिसर में शिक्षको को आने को कहा जाये।

विद्यालयो को यह भी विचार करना चाहिए कि क्या वह अभी विद्यालय को खोलने को लेकर पूरी तैयारी कर चुके है भी या नही।सरकार ने सुरक्षा कारणों की ही वजह से विद्यालयो को अभी चलाने को मना किया है, क्योंकि सरकार भी पहले विद्यालयो का मुआयना करना चाहती है कि शिक्षण संस्थान और बच्चे किस हद तैयार है इस महामारी से लड़ने के लिए!

इस विकट समय मे सभी को चाहिए कि सरकार के द्वारा किये जा रहे प्रयासो को सफल बनाने के लिए हर भरसक प्रयत्न करें न कि कोई ऐसा प्रयास करे जिससे की प्रयासो को धक्का पहुँचे।विद्यालयो ने इस जानलेवा महामारी को हास्य का विषय बना दिया है।

यह एक ऐसी महामारी है जिसका अभी न कोई सटीक इलाज आया है न ही कोई प्रभावशाली दवा बनाई गई हैं। विश्व शक्ति कहे जाने वाले अमेरिका जैसे देश का क्या हाल हुआ है ये तथ्य किसी से छिपा नही है।

अमेरिका जैसे देश मे मृत्यु का आंकड़ा 1 लाख के पार हो गया है। एजेंसियों की माने तो यह आकंड़े जो अमेरिका सरकार द्वारा दिये गए काफी हद तक सही नही है।ऐसे ही तमाम देश है जो आज की तारीख मे हमारे सामने उदाहरण है ऐसे में भारत देश को फूक-2 कर कदम उठाने की आवश्यकता हैं।

जरूरी नही है की हम खुद की गलतियों से सीखे बल्कि हमें इस समय दूसरों की गलतियों से भी सिख लेनी चाहिए और एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है।

हमारी केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि ऐसे विचारधारा के लोगो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिससे की भविष्य में इस प्रकार के कार्य करने का साहस न करें।हालांकि सरकार इस महामारी के समय कानून का पालन न करने वालो के विरुद्ध कार्यवाही की है परंतु कुछ ऐसे सफ़ेद पोश लोग है जो सरकार की आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रहे है।सरकार को ऐसे लोगो को चिन्हित करने की आवश्यकता है जिससे भविष्य में किसी बड़ी हानि होने से बचा जा सके,और बच्चो के भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सके।