विकास दुबे की पत्नी ने शव लेने से कर दिया इनकार, पुलिस को अब 12 शातिरों की तलाश
India Emotions News Network, Lucknow. कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मारे जाने के बावजूद पुलिस की तलाश अभी पूरी नहीं हुई है। पुलिस अब उन बचे हुए 12 शातिरों की तलाश कर रही है जिन्होंने बिकरू गांव में 2 जुलाई गुरुवार की रात दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था।
विकास दुबे का पोस्टमार्टम हो चुका है। पत्नी ऋचा ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया है। वहीं मां सरला दुबे भी बेटे विकास का चेहरा नहीं देखना चाहती हैं। विकास के पिता ने कहा है जो हुआ ठीक हुआ। इसके बाद विकास के बहनोई दिनेश तिवारी पोस्टमार्टम हाउस उनका शव लेने के लिए पहुंचे हैं।
कानपुर कांड के बाद केंद्रीय स्तर से हुए इशारे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़े अपराधियों, उनके करीबी अफसरों और उनसे जुड़े सफेदपोशों की संपत्ति की छानबीन शुरू कर दी है। इस जांच में एक बड़े साबुन कारोबारी और उनके साझेदारों की पड़ताल की जा रही है।
बुधवार को ही लखनऊ में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने अपने बयान में पहले ही कह दिया था कि हम अपने पुलिसकर्मी सार्थियों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। ऐसी कार्रवाई करेंगे जो नजीर बनेगी और शुक्रवार को विकास दुबे को मार दिया गया। एक तरह से विकास दुबे का क्या हश्र होने वाला है ये एडीजी के बयान ने ही तय कर दिया था।
एसटीएफ ने विकास दुबे मामले को लेकर शुक्रवार शाम प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इसके माध्यम से बताया गया है कि रास्ते में जानवरों का झुंड सामने आ गया। ड्राइवर ने इन्हें बचाने के लिए अचानक गाड़ी मोड़ दी, जिससे वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना में कई पुलिसकर्मियों को चोट आईं। इस दौरान विकास ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा।
एनकाउंटर का मामला पहुंचा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
5 लाख के इनामी बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर पर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। विकास के एनकाउंटर का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा है। तहसीन पूनावाला की ओर से एनएचआरसी में एनकाउंटर को लेकर शिकायत दर्ज की गई है।