आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर

Jul 10 2020

आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर

India Emotions News Network, Lucknow. सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर में ढेर हो गया है। एसटीएफ गाड़ी उसे कानपुर ला रही ला रही थी। इस दौरान गाड़ी पलट गई। उसने हथियार छीकर भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया है। कल ही विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था।

कानपुर के बिकरू गांव में वारदात के बाद से फरार विकास यूपी, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश पुलिस को चकमा देकर दर्शन करने मंदिर पहुंचा था। गिरफ्तारी के बाद विकास से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई। इसके बाद उसे मध्यप्रदेश पुलिस ने यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था। यहां विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

उन्होंने बताया कि विकास को सरेंडर करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने नहीं किया। उससे बार-बार आत्मसमर्पण करने के लिए बार बार कहा गया लेकिन वो नहीं माना। विकास दुबे की कोरोना जांच कराई गई। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। डिप्टी सीएमओ समेत तीन डॉक्टरों के पैनल और वीडियोग्राफी से कराया जाएगा पोस्टमार्टम।

पोस्टमार्टम से पूर्व शरीर में फंसी गोलियों का पता लगाने के लिए शव को एक्स-रे के लिए भेजा जाएगा। ग्राम बिखरू थाना चौबेपुर स्थित अपराधी विकास दुबे के नौकर और सहयोगी साथी दयाशंकर अग्निहोत्री जिसके पास गांव की सरकारी राशन की दुकान थी। यहां तलाशी के दौरान आज सात जिंदा देशी बम बरामद हुए हैं। उक्त के संबंध में नियमानुसार अभियोग पंजीकृत करते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।

गैंगस्टर विकास दुबे ने गुरुवार को महाकाल मंदिर में आत्मसमर्पण किया था। इसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को आत्मसमर्पण के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?'

राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी ने मुठभेड़ में विकास दुबे की मौत को लेकर कहा, 'विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद देश के सारे न्यायधीशों को इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के ठोक दो राज में अदालतों की जरूरत ही नहीं है।' विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद बिकरू गांव ग्राम पंचायत भवन में बम मिलने की सूचना है। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस एक टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है। घटनास्थल पर एसडीएम बिल्हौर भी मौजूद हैं।


इसे संयोग मान लिया जाए तो भी बड़ा सवाल यह है कि जब इतने बड़े अपराधी को पुलिस गाड़ी में ला रही थी तो उसके हाथ खुले क्यों थे। अगर पुलिस इन परिस्थितियों में किसी अपराधी को ले जाती है तो हथकड़ी लगाकर ले जाया जाता है। 

मुठभेड़ के बाद फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए हैं। डॉग स्क्वायड की टीम भी मौके पर पहुंची। माना जा रहा है इन साक्ष्यों को मीडिया के सामने रखा जा सकता है। मुठभेड़ के बाद विकास दुबे के बिकरू गांव में पसरा सन्नाटा। स्थानीय लोग अभी भी विकास के बारे में कुछ कहने से डर रहे हैं।

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के भाई राजीव मिश्रा ने कहा सीएम योगी पर भरोसा था, लेकिन लोकल पुलिस पर भरोसा नहीं था। मेरे भाई को मरवाने में दरोगा विनय तिवारी का हाथ था। उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की उम्मीद है। बदमाशों पर कार्रवाई सराहनीय है लेकिन अभी भी 16 बदमाश फरार हैं। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस की एक टीम पत्नी रिचा और बेटे को लखनऊ से कानपुर लेकर आ रही है। इनके पहुंचने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने एक बार फिर सरकार पर सवाल उठाए, उनका कहना है कि मानवाधिकार आयोग ने अगर किसी सरकार को नोटिस दिए हैं तो वो सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश सरकार को दिए हैं। 


बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन से जिस गाड़ी में लाया जा रहा था, झांसी के करीब आकर उसे दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया। हालांकि इसका कारण नहीं पता चल सका है कि ऐसा क्यों किया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विकास दुबे लगभग 100 मीटर तक कच्चे रास्ते पर दौड़ा लेकिन आगे तालाब जिस कारण कहीं जा नहीं सका। बताया जाता है कि पहले उसके कमर में गोली लगी थी। पुलिस के मुताबिक घायल होने के बाद भी फायरिंग करता रहा, हालांकि बच नहीं पाया। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे के एनकाउंटर पर झांसी के शहीद सिपाही सुल्तान के पिता हरप्रसाद ने इस मामले में चौबेपुर थानाध्यक्ष व एक अन्य पुलिसकर्मी का भी एनकाउंटर करने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे गद्दारों को जिंदा रहने का हक नहीं है।


इस बात पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि विकास दुबे पहले टाटा सफारी मैं बैठाया गया और जो गाड़ी पलटी वो TUV300 थी। साक्षी महाराज का कहना है कि ये अपराधी आज पैदा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी उसकी पत्नी को टिकट देकर चुनाव का हिस्सा बनाती है। पुलिस ने अब मार दिया तो सवाल हो रहे हैं।  


कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर में पुलिस एनकाउंटर में मार दिया गया। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने विकास दुबे एनकाउंटर पर ट्वीट करते हुए पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाए जाने की मांग की।

उन्होंने ट्वीट किया कि कानपुर पुलिस हत्याकाण्ड की और इसके मुख्य आरोपी दुर्दांत विकास दुबे को मध्यप्रदेश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।


एनकाउंटर में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का कोरोना का सैंपल लिया गया है। कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विकास का एक गुर्गा कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसको देखते हुए विकास दुबे की भी कोरोना वायरस की जांच कराई गई है। अब विकास की कोरोना रिपोर्ट आने का इंतजार है।

मीडिया की गाड़ियां रोकने पर उठ रहे सवाल- विकास दुबे के परिवार के किसी भी सदस्य ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया है। कानपुर पुलिस का कहना है कि उसने आत्मरक्षा में फायरिंग की जिसमें विकास दुबे मारा गया।