कानपुर कांड: भारतीय सेना से ट्रेनिंग लेकर पुलिस बोले दुर्दांत बदमाशों पर हमला

Jul 04 2020

कानपुर कांड: भारतीय सेना से ट्रेनिंग लेकर पुलिस बोले दुर्दांत बदमाशों पर हमला

इंडिया इमोशंस न्यूज नेटवर्क, लखनऊ। दुर्दांत अपराधी भी आतंकवादियों से कम नहीं हैं। इसलिए पुलिस को सेना से भी प्रशिक्षण लेना चाहिये। एक बात तो तय है कि कोरोना काल में लॉकडाऊन के बाद बढ़ी बेरोजगारी, रोजी-रोटी के संकट के बीच अपराधों में बढोत्तरी की आशंका है। सभ्य समाज को जरायम की दुनिया से एक बड़ा खतरा हो सकता है। ऐसे में पुलिस का अपने इंटीलिजेंस और कमांडोज टीम को ज्यादा सक्रिय और सतर्क करना होगा। जाहिर है कानपुर वाली घटना राज्य सरकार को एक बड़ा सबक है कि अति-आत्मविश्वास से नहीं बल्कि इंटीलिजेंस और कमांडोज के साथ फुलप्रूफ तरीके से ऐसे खतरनाक दुर्दांत अपराधी को ही पकडऩा उचित होगा। अगर पुलिस को इस संदर्भ में आर्मी से भी ट्रेनिंग लेनी पड़े तो इसकी योजना बनायी जानी चाहिये। हालांकि लगातार सफलता के झंडे गाड़ रही योगी सरकार के खिलाफ यह सोची समझी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।


कानपुर में विकास दुबे नाम के एक बदमाश को पकड़ने गई यूपी पुलिस टीम के 8 लोगों (डीएसपी स्तर के एक अधिकारी समेत, 3 सब इंस्पेक्टर, 4 सिपाही) ने जान गंवा दी है. दरअसल कानपुर के बिकरु गांव में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने गई थी. इस बदमाश पर का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. इसके खिलाफ हाल ही में एक मामला दर्ज कराया गया था.

इसी मामले में पुलिस इसको गिरफ्तार करने गई थी. लेकिन ऐसा लगता है कि पुलिस की इतनी भारी भरकम टीम गांव आ रही है इस बात की जानकारी विकास दुबे और उसके कथित गैंग के लोगों को पता चल गया. उसके लोगों ने पूरी प्लानिंग के साथ गांव में घुसने वाले रास्ते में जीसीबी खड़ा कर रास्ता रोक दिया. इतना ही नहीं गांव के अंदर घरों की छतों पर उसके लोग घात लगाकर बैठे हुए थे. जैसे ही गांव की टीम घुसी पुलिस टीम पर तीम ओर से हमला कर दिया. छतों पर बैठे बदमाशों के लिए पुलिस पर निशाना लगाना आसान था और पुलिस की टीम इस तीन तरफा हमले से संभलने का मौका नहीं मिला. इस गोलीबारी के बाद विकास दुबे और उसके गुर्गे अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए.
सीओ देवेंद्र मिश्रा, एसओ महेश यादव, चौकी इंचार्ज अनूप कुमार, सब इंन्पेक्टर, नेबुलाल, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जितेन्द्र और बबलू हैं.

कानपुर के एडीजी जेएन सिंह ने बताया है कि विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है. घायल पुलिसकर्मियों का इलाज जारी है. कन्नौज और कानपुर देहात की पुलिस को भी बुला लिया गया है. घटना के बाद एसटीएफ की तैनाती कर दी गई है और गांव में आला पुलिस अधिकारी पहुंच गए हैं.

सवाल इस बात का है कि जब बदमाशों ने इतनी बड़ी तैयारी कर रखी थी और वे पुलिस पर हमला करने की तैयारी में थे तो इस बात की भनक स्थानीय खुफिया (LIU) को क्यों नहीं लगी. क्योंकि गांव के रास्ते को जेसीबी लगाकर रोकने की प्लानिंग से ही अंदाजा हो जाता है कि वह घात लगाकर हमला करने की तैयारी कर चुके थे.

कोरोना काल में लॉकडाऊन के बाद बढ़ी बेरोजगारी, रोजी-रोटी के संकट के बीच अपराधों में बढोत्तरी की आशंका है।