उल्कापिंड: 29 अप्रैल की सुबह 5:56 बजे धरती के पास से गुजरेगा, बड़े पहाड़ जितना है आकार

Apr 28 2020

उल्कापिंड: 29 अप्रैल की सुबह 5:56 बजे धरती के पास से गुजरेगा, बड़े पहाड़ जितना है आकार

India Emotions News Desk, New Delhi. नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ स्टडीज के मुताबिक इस खगोलीय घटना (उल्कापिंड) को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है। टेलीस्कोप की मदद से ही लोग इसे देख सकते हैं। नासा को इस खगोलीय पिंड के बारे में साल 1998 में ही पता चल गया था।

उल्कापिंड 29 अप्रैल की सुबह 5:56 बजे (ईस्टर्न टाइम) धरती के पास से गुजरेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी विशाल पर्वत के आकार का यह उल्कापिंड अगर यह पृथ्वी से टकराया तो पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा। हालांकि, इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना न के बराबर है। 


वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे उल्कापिंड की हर सौ साल में पृथ्वी से टकराने की 50 हजार संभावनाएं होती हैं, लेकिन पृथ्वी के ज्ञात इतिहास में ऐसा बहुत ही कम बार हुआ है कि इतना बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया हो। कुछ मीटर व्यास वाले उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में आते हैं, लेकिन वे तुरंत जल जाते हैं और उनके छोटे-छोटे टुकड़े ही पृथ्वी की सतह तक पहुंच पाते हैं।  

इस उल्कापिंड का नाम 1998 आरओ-2 ( 1998 RO2 ) है। इसके के पृथ्वी के पास से गुजरने की जानकारी वैज्ञानिकों ने करीब डेढ़ महीने पहले दे दी थी। तब बताया गया था कि इसका आकार किसी बड़े पहाड़ जितना है। इसके साथ ही इसकी रफ्तार को देखते हुए आशंका जताई गई थी कि जिस गति से यह उल्कापिंड बढ़ रहा है, अगर पृथ्वी को छूकर भी निकला तो सूनामी भी आ सकती है। 
 
इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसका नाम 52768 और 1998 ओआर-2 दिया है। इसकी कक्षा चपटे आकार की है। 1998 से वैज्ञानिक इसका लगातार अध्ययन कर रहे हैं।