कोरोना वायरस: अब आयुष चिकित्सक भी रोकथाम पर शोध कर सकेंगे, गाइड लाइन जारी-प्रस्ताव आमंत्रित

Apr 28 2020

कोरोना वायरस: अब आयुष चिकित्सक भी रोकथाम पर शोध कर सकेंगे, गाइड लाइन जारी-प्रस्ताव आमंत्रित

India Emotions News Network, Lucknow. अप्रैल। अब आयुष चिकित्सक भी कोरोना वायरस के उपचार, रोकथाम एवम प्रबंधन पर शोध कर सकेंगे। इस संबंध मे आयुष मंत्रालय ने 21 अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

आयुष मंत्रालय का कहना है कि कोविड 19 से बचाव, उपचार एवं प्रबंधन के दावे मंत्रालय को प्राप्त हो रहे थे परंतु आयुष पद्धतियों की औषधियों के नैदानिक परीक्षण औषधि एवं प्रशाधन एक्ट 1945 में कोई प्राविधान नहीं था इसलिए अब शोध के पश्चात उत्पन नैदानिक डेटा वैज्ञानिक रूप मान्यता एवं विश्वसनीयता के लिये विशेष प्राविधान किये गए हैं।

केंद्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कि सरकार ने यह महसूस किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए कोई अनुमोदित उपचार नहीं है परंतु आयुष पद्धतियों में उपयोग, प्राचीन संदर्भों की बड़ी संख्या, वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्र, कार्यवाही की विद्या, नैदानिक कार्यकरिता के कारण व्यापक संभावनाएं हैं इसलिए कोरोना वायरस से रोकथाम/प्रबंधन एवं उपचार में आयुष की औषधियों के बारे में वैज्ञानिक प्रभाव भी होना जरूरी है।

इस व्यवस्था के पश्चात, मान्यता प्राप्त आयुष पद्धतियों के वैज्ञानिक, शोधकर्ता, चिकित्सक, एवं संस्थाएं कोविड 19 पर रोगनिरोधी उपाय, संगरोध के दौरान हस्तक्षेप, उपचारोउन्मुखी एवं लक्षणात्मक मामले, सार्बजनिक स्वास्थ्य, सर्वेक्षण एवम सबूत उत्पन करने के लिए प्रयोगशाला आधारित अनुशंधान शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने इसके लिये गाइड लाइन जारी कर दी है और प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं। सरकार द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों पर शोध करने के लिए 10 लाख रुपये का प्राविधान किया गया है। उन्होंने आयुष मंत्रालय के निर्णय का स्वागत करते हुऐ कहा है कि आयुष की कार्यकरिता पर कोई उंगली नहीं उठा सकेगा और इन पद्धतियों के विकास का नया आयाम खुलेगा।