UP: मधुमक्खी पालन के लिए 02 लाख लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

May 20 2020

UP: मधुमक्खी पालन के लिए 02 लाख लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

India Emotions News Network, Lucknow. उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डा. एसबी शर्मा ने कहा कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कृषकों की आय को दोगुनी करने में मौनपालन एक सफल एवं उपयोगी उद्योग साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि लाखों रुपये की आमदनी शहद, पोलन, प्रोपोलिस, मोम एवं बी-वैनम की बिक्री से प्राप्त की जा सकती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।


डा0 शर्मा आज अधीक्षक, राजकीय उद्यान आलमबाग लखनऊ के प्रांगण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ‘विश्व मधुमक्खी दिवस’ 20 मई, 2020 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हुए किसानों को स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन के लिए 02 लाख लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी0एल0 मीना के निर्देश पर विभाग द्वारा प्रशिक्षण, उत्पादन, प्रोसेसिंग एवं ब्राण्डिंग के लिए 115.62 करोड़ रुपये का प्रस्ताव नेशनल बी-बोर्ड को भेजा गया है।


इस अवसर पर संयुक्त निदेशक उद्यान डा0 आर0के0 तोमर ने जनपदों में चल रही मौनपालन की योजनाओं पर सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की जानकारी देते हुए बताया कि 50 मौनवंशों की एक युनिट की स्थापना पर लागत का 40 प्रतिशत का अधिकतम रुपया 88 हजार प्रति युनिट का अनुदान दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मौनपालन को व्यावसायिक रूप अपनाने व प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश के 04 केन्द्रों प्रयागराज, सहारनपुर, बस्ती एवं मुरादाबाद तथा 12 उपकेन्द्रों पर दीर्घकालीन व अल्पकालीन आकस्मिक मौनपालन प्रशिक्षण दिया जाता है।


इस अवसर पर उद्यान विभाग के कीट विशेषज्ञ श्री रामबली ने बताया कि बेरोजगारों की समस्या को हल करने में मधुमक्खी पालन व्यवसाय काफी हद तक सहायता कर सकता है तथा मधुमक्खी पालन कर स्वावलंबी बन सकते हैं।

बताया कि मधुमक्खियों का संर्वद्धन समय की मांग है, क्योंकि यह मधुमक्खियां पर-प्ररागण कर औद्यानिक एवं कृषि फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाती हैं, वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा उत्पादित शहद का सेवन हमारे स्वास्थ्य एवं निरोगी जीवन हेतु अत्यन्त लाभकारी होता हैं।