कोरोना महामारी में पर्दे के पीछे चुपचाप दिन-रात काम करने वाले ये हैं वास्तविक हीरो

Apr 11 2020

कोरोना महामारी में पर्दे के पीछे चुपचाप दिन-रात काम करने वाले ये हैं वास्तविक हीरो

india emotions news network, गोरखपुर. विश्व व्यापी कोरोना महामारी के चलते पूरे भारत में 22 मार्च 2020 से संपूर्ण लाकडाऊन घोषित हुआ है तथा आवश्यक सामाग्रियों का परिवहन एवं उनकी आपूर्ति ही की जा रही है। केन्द्र सरकार का यह निर्णय भारतीय रेल के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि लाकडाऊन एवं सोशल डिसटैनसिंग का पालन हर हाल में किया जाना है। माल परिवहन के लिए रेल पथ का अनुरक्षण बेहतर ढ़ंग से किया जाना आवश्यक है।

पूर्वोत्तर रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग अपने लगभग 3450 रुट कि.मी. ट्रैक का अनुरक्षण पूरी तत्परता से कर रहा है जो हिंदी भाषी इस क्षेत्र को देश के दूरदराज के उत्तर, पूर्व, पूर्वोत्तर, पश्चिमी एवं उत्तरी हिस्से से जोड़ता है। रेल पथ के अनुरक्षण में ट्रैक मेनटेनर, कीमैन, गेटकीपर, गैंगमेट, पर्यवेक्षक एवं अधिकारीगण दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

एक-एक इंच रेल पथ का कीमैन द्वारा भौतिक निरीक्षण दिन में दो बार किया जा रहा है। गर्मी का मौसम आने के साथ ही रेल पटरी को डिस्ट्रेस किया जाना शुरू कर दिया गया है। रेल पथ में किसी भी दोष का पता लगाने के लिए यू. एस. एफ.डी. टैस्टिंग का कार्य निरंतर चल रहा है। इसी प्रकार पूर्वोत्तर रेलवे पर पूरे रेल ट्रैक का ओ.एम.एस. रिकार्डिंग की जा चुकी है तथा पाई गई खामियों को दूर किया जा रहा है।


यह सब कार्य कोविड-19 से बचने के लिए सभी उपायों को अपनाते हुए किया जा रहा है। सोशल डिसटैनसिंग के साथ ही फेस मास्क, हाथ धोने का साबुन, दस्ताने, गमछा एवं सैनेटाइजर का प्रयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। सभी कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी हो रही है। रेलवे स्टेशनों के आसपास की रेलवे कालोनियों में रहने वाले कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है।

अधिकारी एवं कर्मचारी रेल पथ के अनुरक्षण में लगे कर्मचारियों से निरन्तर सम्पर्क बनाए हुए हैं तथा उनका उत्साहवर्धन करते हुए समुचित सलाह दे रहे हैं। इस मुश्किल की घड़ी में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी सदस्य विशेषत: ट्रैकमैन, सुरक्षित एवं संरक्षित रेल प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वास्तव में पर्दे के पीछे चुपचाप दिन रात काम करने वाले ये वास्तविक हीरो हैं ।


रेल पथ के अनुरक्षण से संबंधित विभिन्न कार्य 22 मार्च से 10 अप्रैल 2020 तक किए गए। इस दौरान 344 कि. मी. प्लेन ट्रैक की एवं 252 अदद टर्न आऊट की टैपिंग की गई। रेल पेंटिंग, ई.आर.सी. ग्रीसिंग, समपारों की ओवरहालिंग के अतिरिक्त कीमैनों द्वारा रोजाना पैट्रोलिंग की जा रही है। 313 कि.मी. रेल एवं 2466 अदद वेल्डो की यू. एफ.एस.डी. टैस्टिंग भी पूरी की गई है। 3567 कि.मी. ओ.एम.एस. रिकार्डिंग के साथ ही 10.5 कि.मी. डीसट्रेसिंग का कार्य भी किया गया है।