कोरोना संकट से उबरा चीन का वुहान, जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी?

Apr 08 2020

कोरोना संकट से उबरा चीन का वुहान, जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी?

इंडिया इमोशंस न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना का जानलेवा जिन्न चीन के जिस वुहान शहर से निकल कर पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है वहां 11 हफ्तों के बाद अब लोग राहत की सांस ले रहे हैं। यहां लॉकडाउन खत्म हो गया है। हकीकीत यही है कि, वुहान में लॉकडाउन की तर्ज पर ही दुनिया के कई देशों ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यही तरीका अपनाया था। सरकारी तंत्र ने वुहान के नागरिकों को बाहर आने जाने की स्वीकृति दे दी है। इन सब के बीच सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने इतनी जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।

सूत्रों के मुताबिक, चीन का सरकारी तंत्र कोरोना वायरस पर जीत की तस्वीर को पूरी दुनिया में दिखाने की जल्दी में है और यहां खुशहाली का संदेश पूरी दुनिया में फैलाने की मंशा रखता है। असल में यहां की मीडिया को सिर्फ सरकारी तंत्र से प्रप्त फोटो और खबरें दिखाने की इजाजत है।

गौरतलब है कि, चीन के कुल 82 हजार कोरोना संक्रमितों में से 50 हजार केवल वुहान के थे। कुल 3331 मरने वालों में से 2500 वुहान में ही मरे। वुहान ही वह शहर है, जहां पिछले साल दिसंबर में कोराना वायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति मिला था। वुहान सहित पूरे हुबेई प्रांत में करीब 5.6 करोड़ लोग रहते हैं।

बुधवार की मध्य रात्रि से लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के 1.1 करोड़ लोगों को अब कहीं भी आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होगी बशर्ते अनिवार्य स्मार्ट फोन एप्लिकेशन में यह पता चलता हो कि वे स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं।

इस मौके पर यांगतेज नदी के दोनों ओर लाइट शो हुआ, गगनचुंबी इमारतों और पुलों पर ऐसी छवियां तैर रहीं थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को ले जाते हुए दिख रहे थे, तो कहीं वुहान के लिए हीरोइक सिटी शब्द दिख रहे थे। तटबंधों और पुलों पर नागरिक झंडे लहरा रहे थे और वुहान आगे बढ़ो.. के नारे लगा रहे थे तथा चीन का राष्ट्रगान गा रहे थे।

एक व्यक्ति तोंग झेंगकुन ने कहा, मुझे बाहर निकले को 70 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया। वह जिस इमारत में रहते थे वहां संक्रमित व्यक्ति मिले थे जिसके बाद से पूरी इमारत को बंद कर दिया गया था। सड़कों पर गाडिय़ां उतर आईं, सैकड़ों लोग शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेनों और विमानों का इंतजार करते दिखे तो कई लोग नौकरी पर जाने को बेताब नजर आए।