कोरोना लॉकडाऊन में कामगारों की हड़बड़ाहट में ध्वस्त हुई सोशल डिस्टेंसिंग...

Mar 29 2020

कोरोना लॉकडाऊन में कामगारों की हड़बड़ाहट में ध्वस्त हुई सोशल डिस्टेंसिंग...

इंडिया इमोशंस न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। बगैर किसी प्लानिंग के दिल्ली में कल जिस तरह लॉकडाऊन की धज्जियां उड़ीं उसका निगेटिव मैसेज अवश्य पूरी दुनिया में गया होगा। समय रहते मोदी सरकार ने कोरोना से देश को बचाने की जो प्लानिंग की थी उसे भी झटका लगने की आशंका बढ़ी है। हालांकि स्थिति को संभलाने की भरपूर कोशिश केन्द्र और राज्यों की सरकारें कर रहीं हैं, ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिये कि सबकुछ ठीक रहेगा। लॉकडाउन होने के बाद दिल्ली-एनसीआर से बिहार, यूपी और झारखंड के मजदूर, कामगार घर जाने का बैचेन हैं, पर उनकी इस हड़बड़ाहट ने लॉकडाउन की कामयाबी से हासिल होने वाले नतीजे पर सवाल उठा दिया है। दिल्ली का आनंद विहार बस अड्डा, गाजियाबाद बस अड्डा और कौशांबी इस वक्त अपने-अपने घर जाने वाले मजदूरों के हुजूम से अटे पड़े है। इतनी बड़ी भीड़ की वजह से यहां संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है।

मजदूरों की समस्याओं को देखते हुए बसें चलाने का फैसला किया है। ये बसें दिल्ली में फंसे यूपी के मजदूरों को लेकर उनके गांव जाएगी। जाहिर है एक बस में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ बैठने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। मालूम हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण इंसानी जुड़ाव के कारण ही बड़ी तेजी से फैलता है। अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पीडि़त शख्स के एक मीटर के दायरे में आता है और उसका उससे संपर्क होता है तो उसके शरीर में भी इस वायरस के जाने का खतरा बढ़ जाता है। मजदूरों की संख्या को देखते हुए बसों में यात्रा के दौरान ऐसे किसी भी संक्रमण की संभावना होती है।

इसके अलावा अगर को कोरोना संक्रमित व्यक्ति किसी तरह से अपने गांव पहुंच जाता है और इसक जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं होती है तो उससे कई और लोगों के संक्रमित होने का खतरा रहता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मजदूरों को लाने के लिए की गई बसों की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। सीएम नीतीश ने कहा है कि दिल्ली से या कहीं और से लोगों को बुलाने से समस्या और बढ़ेगी, क्योंकि ये लोग अपने गांव में भी संक्रमण फैला सकते हैं। इससे लॉकडाउन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा। बता दें कि बिहार और यूपी की सीमाएं कई जगहों पर मिलती है। अगर यूपी का कोई कोरोना पॉजिटिव बिहार के सीमावर्ती इलाकों में पहुंचता है तो वह इसका संक्रमण बिहार में भी फैला सकता है।

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार चाहती है कि जो जहां है वहीं रहे और बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन उनके रहने खाने की व्यवस्था वहीं करे। ऐसा तब तक हो जबतक की स्थिति सामान्य न हो जाए। बहरहाल इस स्थिति को को देखकर एवं नियन्त्रण में लाकर केन्द्र व राज्य सरकारों को अनुभव हो गया होगा कि लॉकडाऊन खुलने के बाद क्या व्यवस्था रखनी है।