US में कोरोना वायरस से अब तक 6 मौतें, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं जल्द आए वैक्सीन

Mar 03 2020

US में कोरोना वायरस से अब तक 6 मौतें, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं जल्द आए वैक्सीन

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस से अमेरिका के उपनगर सिएटल में 4 और लोगों की मौत हो गई है। इस तरह अब अमेरिका में कोरोना वायरस से हुई मौतों का आंकड़ा बढक़र 6 तक पहुंच गया है। न्यूयॉर्क से खबर आई कि मैनहट्टन में पहले मामले की रिपोर्ट की गई थी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी दवा कंपनियों को जल्दी से इसकी वैक्सीन बनाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। जबकि विशेषज्ञों ने साफ कह दिया है कि इसमें कम से कम 12 महीने लग जाएंगे।

ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि यूएस में इस हफ्ते के आखिर तक 10 लाख टेस्ट किए जा सकते हैं। यूएस के 14 राज्यों में अब तक 100 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार शाम को व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा, यह उल्लेखनीय है कि अगले 6 हफ्तों में क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए एक वैक्सीन होगी। पिछले हफ्ते भारत से लौटने के बाद ट्रंप ने पेंस से कोरोना वायरस को लेकर बात की थी।

प्रमुख फार्मा कंपनियों के साथ मीटिंग में ट्रंप ने कहा था, हम वैक्सीन विकसित करने की लंबी प्रक्रिया में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, ताकि लोगों को जल्द से जल्द ठीक होने में मदद कर सकें। यूएस में सभी मौतें वाशिंगटन राज्य में हुई हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस कई हफ्ते पहले से वाशिंगटन में इनक्यूबेट कर रहा था।

कोरोना वायरस दुनिया में 90000 से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। वहीं 3000 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पिछले 24 घंटों में चीन से बाहर 9 गुना मामले रिपोर्ट हो चुके हैं, जहां से यह संकट शुरू हुआ था। अमेरिका अपने सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य की जांच शुरू कर चुका है।

वहीं विश्वविद्यालय अपने छात्रों को गैर-जरूरी यात्राएं न करने की सलाह दे रहे हैं। पेंस ने कहा कि अगले 12 घंटों के भीतर इटली और दक्षिण कोरिया के सभी हवाई अड्डों के लिए जाने वाली सभी सीधी फ्लाइट्स के लिए 100 फीसदी स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी। अमेरिका के सार्वजनिक स्थान धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं। हर जगह तनाव है।

नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के डायरेक्टर डॉ. एंथोनी एस.फॉसी के मुताबिक, पहला वैक्सीन परीक्षण शुरू होने में करीब 2 महीने लगेंगे। इसके बाद तीन महीने उसकी सुरक्षा और प्रभाव को निर्धारित करने में लगेंगे। इस तरह सबसे तेजी से काम करने पर भी 6 से 8 महीने लगेंगे।

(IANS)