हमने एंटी कोराना वायरस वैक्सीन तैयार कर ली है: डोनाल्ड ट्रम्प

Mar 18 2020

हमने एंटी कोराना वायरस वैक्सीन तैयार कर ली है: डोनाल्ड ट्रम्प
file photo

इडिया इामेशंस न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया भर में कोराना वायरस के बढ़ते प्राकेप के बीच अमरीका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने वैज्ञानिक शोधों का हवाला देते हुए आज कहा कि हमने एंटी कोरोनो वायरस वैक्सीन तैयार कर ली है। इसकी डोज तैयार कर ली गई है। इसका प्रयोग शुरुआती तीन मरीजों पर हुबा है। परीक्षणों के बाद अमरीकी रष्ट्रपति ने गा रहे हैदावा किया कि वैक्सीन के परिणाम अच्छे हैं। अगर सकब कुछ ठीक रहा तो ग्लोबल स्तर पर भी इसका प्रयोग किया जा सकेगा। इन बयानों के साथ एक महिला को वैक्सीन लगाते एक फोटो भी मीडिया में शेयर की गई है, जिसमें उस मुस्कुराती महिला को डॉक्टर लगा रहे हैं।

अमेरिका ने कोरोना वायरस के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन का पहला परीक्षण वाशिंगटन के सीएटल शहर में यहां की एक स्थानीय महिला 43 साल की जेनिफर हॉलर पर किया है। यहां के पी वाशिंगटन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बेहद सावधानी के साथ चार ऐसे मजबूत इच्छाशक्ति वाले सेहतमंद लोगों को इस परीक्षण के लिए चुना है।

इनमें से पहली हैं जेनिफर हॉलर जिनके दो बच्चे हैं। वैक्सीन के परीक्षण का पहला इंजेक्शन लगवाने के बाद जेनिफर ने बेहद खुशी जताते हुए कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। इस अध्ययन और प्रयोग की टीम लीडर डॉ लीजा जैक्सन हैं। लीजा मानती हैं कि वैक्सीन के पहले चरण में परीक्षण के लिए तैयार इन चार लोगों के साथ अब हम टीम कोरोना वायरस हो गए हैं।

हकीकत यह है कि इस समय दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वैक्सीन पर काम हो रहा है। दर्जनों रिसर्च इंस्टीट्यूट इस पर काम कर रहे हैं। अमेरिकाए चीन और दक्षिण कोरिया में भी अगले महीने तक ऐसे ही वैक्सीन पर काम होने की संभावना है जिसे इनोवियो फार्मास्युटिकल्स बना रही है।

ऐसे मौके पर हर कोई यही चाहता है कि इस आपात स्थिति से निपटने के लिए वह क्या और कैसे करे। जेनिफर सीएटल में ही एक टेक कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर हैं। इनके अलावा तीन और लोगों को इस परीक्षण का इंजेक्शन लगाया जाना है। इसके अलावा 45 अन्य लोगों को भी इसका हिस्सा बनाया जाएगा और इन्हें एक महीने के बाद दो और डोज दिए जाएंगे।

ब्रॉथल के रहने वाले 46 साल के ही नील ब्राउनिंग भी एक माइक्रोसॉफ्ट नेटवर्क इंजीनियर हैंए जो इस परीक्षण टीम के सदस्य हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटियां इस तरह के सामाजिक काम के लिए उन्हें बेहद प्रोत्साहित करती हैं और गर्व महसूस करती हैं।

उनकी बेटियां मानती हैं कि ये दुनिया के उन तमाम लोगों को बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि कोई न कोई तो यह जोखिम उठाए।

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डॉ एंथनी फॉसी का कहना है कि अगर यह परीक्षण कामयाब रहाए तो अगले 12 से 18 महीनों के बाद ही यह वैक्सीन दुनिया भर में इस्तेमाल की जा सकेगी।

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस परीक्षण से उम्मीद जताते हुए दावा किया है कि जुलाई तक अमेरिका कोरोना से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने यह श्रेय लेने की भी कोशिश की अमेरिका में ही इस खतरनाक वायरस का पहला वैक्सीन इतने कम वक्त में बन कर तैयार होने की उम्मीद है।