कर्नाटक विधानसभा शुक्रवार तक स्थगित, धरने पर बैठे BJP MLA

Jul 18 2019

कर्नाटक विधानसभा शुक्रवार तक स्थगित, धरने पर बैठे BJP MLA

इंडिया इमोशंस न्यूज बेंगलुरु. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को विधानसभा में विश्वास मत साबित करने के लिए एक दिन का वक्त और मिल गया है। विधानसभा में गुरुवार को विश्वास मत पर साढ़े सात घंटे चली बहस के बाद स्पीकर रमेश कुमार ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। बहस के दौरान सदन से अनुपस्थित कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल का मुद्दा उठा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे विधायक को अगवा कर लिया। उधर, विश्वास मत पर सत्ता पक्ष के भाषणों पर भाजपा ने सवाल उठाया। बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि स्पीकर रमेश कुमार विश्वास मत को टालना चाहते हैं। विधायकों ने इस संबंध में राज्यपाल वजूभाई वाला को ज्ञापन भी सौंपा। राज्यपाल ने स्पीकर से कहा कि वे आज ही विश्वास मत कराए जाने पर विचार करें। कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा विधायकों ने रातभर सदन में ही धरना देने का फैसला किया।

विश्वास मत पर 7:30 घंटे तक विधानसभा में कर-नाटक

बागी विधायक मुंबई से नहीं लौटे
विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई। इस दौरान कुमारस्वामी को विश्वास मत साबित करना था। सत्ता पक्ष के भाषणों के दौरान भाजपा विधायकों ने सवाल उठाया कि इतने लंबे-लंबे भाषण किसलिए दिए जा रहे हैं। इस तरह के भाषण तो चुनावी रैलियों में दिए जाते हैं। भाजपा का आरोप था कि राज्यपाल खुद विश्वास मत को टालना चाहते हैं। वे अल्पमत की सरकार चलते रहने देना चाहते हैं।

5 विधायक सदन से गैर-हाजिर रहे
विश्वास मत के दौरान सदन से 5 विधायक गैर-हाजिर रहे। इनमें 2 कांग्रेस, 1 बसपा और और 2 निर्दलीय विधायक थे। 15 गैर-हाजिर, 15 बागी विधायकों के अलावा स्पीकर को हटाकर सदन की संख्या 203 हो गई। इस स्थिति में बहुमत साबित करने का आंकड़ा 102 हो गया। लेकिन, कांग्रेस-जेडीएस के पास 116 के मुकाबले विधायकों का आंकड़ा 98 रह गया था, जबकि भाजपा के पास 105।

कांग्रेस विधायक की अनुपस्थिति पर हंगामा
कांग्रेस ने अपने विधायक श्रीमंत पाटिल की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। दरअसल, पाटिल ने अस्वस्थ होने और इलाज के लिए मुंबई जाने से संबंधित पत्र स्पीकर को सौंपा था। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा- जिस रिजॉर्ट में हमने अपने विधायकों को ठहराया, वहां पास ही अस्पताल है। ऐसे में मुंबई क्यों गए? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे एक विधायक को अगवा कर लिया। इसके कुछ ही देर बाद पाटिल की मुंबई के एक अस्पताल में इलाज कराते हुए तस्वीरें सामने आईं।


राज्यपाल ने स्पीकर को विश्वास मत पर विचार को कहा
विश्वास मत साबित करने में देरी को देखते हुए भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि विश्वास मत गुरुवार को ही साबित किया जाए। सदन में भी येदियुरप्पा ने कहा कि भले ही रात में 12 बज जाएं, लेकिन कुमारस्वामी को विश्वास मत आज ही साबित करना चाहिए। राज्यपाल ने स्पीकर से कहा कि वे शुक्रवार को ही विश्वास मत कराए जाने पर विचार करें।


सदन में ही धरने पर भाजपा विधायक
करीब साढ़े सात घंटे की बहस और आरोपों-प्रत्यारोपों के दौरान के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विरोध स्वरूप सदन में ही धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि वे रात विधानसभा के भीतर ही बिताएंगे।


बागी विधायकों पर व्हिप लागू नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने जेडीएस के सभी 37 विधायकों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इनमें उनकी पार्टी के तीन बागी विधायक नारायण गौड़ा, गोपालैया और एच विश्वनाथ भी शामिल हैं। जेडीएस ने कहा है कि अगर विधायक गैर-मौजूद रहते हैं या विश्वास मत के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो दल बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि, इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि वह पार्टी में हैं और सरकार के पक्ष में वोटिंग करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा कि हमें इस मामले में संवैधानिक संतुलन बनाए रखना है। स्पीकर 15 बागी विधायकों के इस्तीफों पर अपने अनुसार विचार करें, वे खुद फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

आगे क्या?

यदि बागी विधायक सदन से अनुपस्थित रहें : कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन जरूरी है। कांग्रेस (78), जेडीएस (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं, लेकिन 16 विधायक बागी होकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। अगर ये विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहते हैं तो सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा। लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और सरकार गिर जाएगी।

अगर बागियों के इस्तीफे मंजूर हुए : अगर स्पीकर बुधवार को इन बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। सरकार के पास 100 का आंकड़ा होगा, जबकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

अगर बागी विधायक अयोग्य करार दिए गए : यदि स्पीकर बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में गुरुवार को विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जुटाना होगा। यह उसके पास नहीं होगा। ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी।

अगर बागियों ने सरकार के खिलाफ वोटिंग की : यदि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते और वे फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम होगी। ऐसे में कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत खो देगी और सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खत्म हो जाएगी।

यदि कुमारस्वामी सरकार गिर गई : ऐसी स्थिति में भाजपा राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। 76 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो हम तीन दिन में राज्य में भाजपा सरकार बना लेंगे।

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दे दिया था।