छात्रों के मन से परीक्षा का डर निकाल देंगी होम्योपैथी की मीठी गोलियां

Feb 06 2020

छात्रों के मन से परीक्षा का डर निकाल देंगी होम्योपैथी की मीठी गोलियां

india emotions health tips. हर साल की तरह इस बार फिर हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं का समय नजदीक है। हर तरफ परीक्षा का ही शोर है। अभिभावकों कोे चिंता है कि उनके बच्चों को अच्छे अंक कैसे मिले और छात्र परेशान हैं कि वह किस प्रकार से अच्छे अंक लाकर अपने माता-पिता के लाडले तो बने रहें और अपना भविष्य भी सुरक्षित बनायें। परीक्षा का यह मौसम कभी-कभी छात्रों के लिए कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। परीक्षा के डर से होने वाली समस्यायों को चिकित्सीय भाषा में एक्जा़म फीवर या फोबिया कहते है, इससे बच्चों का मन पढ़ाई के दौरान मन का एकाग्र नहीं हो पाना, परीक्षा कक्ष का काल कोठरी जैसा लगना, परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पहले अजीब सी बेचैनी, घबराहट एवं सिहरन का होना, पसीना आना, बार-बार पेशाब व दस्त की शिकायत होना, याद किया हुआ भूल जाना, कभी-कभी आत्महत्या का भी विचार आना है, नींद उड़ जाना, फेल हो जाने का भय सताना आदि समस्यायें उत्पन्न हो सकती है। परीक्षा के दैरान छात्रों को होने वाली इन तमाम परेशानियों को दूर करने की ताकत है होम्योपैथी की मीठी-मीठी गोलियों में।


एक्जा़म फीवर एक मानसिक परेशानी है और इससे लगभग 30 से 40 प्रतिशत छात्र प्रभावित होते है। परीक्षा में अच्छे अंकों से पास होने का दबाव इसकी सबसे बड़ी वजह है तथा ज्यादातर यह दबाव अभिभावकों द्वारा बच्चों पर डाला जाता है जिसके कारण बच्चे परीक्षा के दौरान अपने आप को एक कमरे में कैद कर लेते है। परीक्षा के दौरान बच्चों का खाने-पीने का रूटीन बदल जाता है। यह स्थिति ठीक नहीं है परीक्षा के दौरान बच्चों को कमरे में कैद होने के बजाए, पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा घूमना-फिरना, खेलना तथा मनोरंजन भी आवश्यक है। अभिभावकों को चाहिए कि वह बच्चों का धैर्य को बनाए रखने में उनकी सहयोग करें तथा उन पर किसी भी प्रकार का दबाव न डालेंत था उन्हे यह समझायें की परीक्षा से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि परीक्षा भी पढ़ाई का अभिन्न अंग है और यह बच्चों के परिश्रम को मापने की सामान्य प्रक्रिया है।


होम्योपैथी में परीक्षा के दौरान होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने की अनेक कारगर औषधियां उपलब्ध है सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन औषधियों का शरीर पर कोई दुष्प्रभावभी नहीं पड़ता है। यदि परीक्षा में जाते समय छात्रों को डर लगे तो लाइकोपोडियम 30 एवं साइलीसिया 30 का प्रयोग किया जा सकता है तथा यदि परीक्षा के समय सिर दर्द, बार-बार पेशाब लगने, दस्त एवं घबराहट की शिकायत हो तो जेल्सीमियम 30 एवं अर्जेंन्टमनाइट्रिकम 30 का प्रयोग लाभदायक हो सकता है।


परीक्षा की तारीख पास आने पर बच्चों में अनिद्रा की शिकायत होसकती है इन बच्चों के लिए नक्स वोमिका 30 फायदेमंद होती है। परीक्षा की पूरी तैयारी के बाद भी लगे कि कुछ याद नहीं है तो एनाकार्डिंयम 30 एवं कालीफंास 6 का प्रयोग किया जा सकता है। कुछ छात्र परीक्षा के दौरान ज्यादा तैयारी के लिए नींद न आने वाली दवाईयां ले लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है।


छात्रों को सलाह दी कि परीक्षा के दौरान तली-भूनी, मसालेदार व बाजार की चीज़े जैसे बरगर, पिज़ा व अन्य फास्ट फूड नहीं खाना चाहिये क्योंकि इससे आलस्य आता है तथा पेट खराब होने का डर बना रहता है। परीक्षा के दौरान सुपाच्य, संतुलित आहार के साथ फल, पानी, जूस आदि का सेवन करना चाहिए क्योकि इस समय उन्हे अधिक ऊर्जा की अवश्यकता होती है। अभिभावकों को अपने बच्चों पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए क्योकि इससे बच्चे तनाव में आ सकते है जिससे उन्हे परीक्षा के दौरान अनेक परेशानियों का सामना करना पड सकता है। छात्रों को परीक्षा के दौरान कम्प्यूटर व मोबाईल पर गेम नही खेलना चाहिए अपितु 10 से 15 मिनट के लिए कमरे के बाहर टहल लेना चाहिए। परीक्षा के दौरान उन्हे पूरी नींद अवश्य लेनी चाहिए क्योकि नींद की कमी से आलस्य आता है जिससे एकाग्रता भंग होती है। छात्रों को परीक्षा से न डरने की जरूरत नहीं है तथा पूरी मेहनत और लगन के साथ खेल भावना से परीक्षा देना चाहिए।


होम्योपैथी की दवाईयां आप के दिमाग से परीक्षा काउ भय निकालकर परीक्षा के सफर में आपका पूरा साथ निभाकर सफलता दिलाने मेें आपका सहयोग करेगी परन्तु ध्यान रहे कि होम्योपैथिक दवाईयां केवल प्रशिक्षित चिकित्सकों की सलाह से ही लेनी चाहिए।


डा0 अनुरूद्ध वर्मा
वरिष्ठ होम्यापैथिक चिकित्सक
21/414, इन्दिरा नगर,
लखनऊ-226016
मो0-9415075558