अमेरिकी वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस का इलाज खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता लगी हाथ

Feb 20 2020

अमेरिकी वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस का इलाज खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता लगी हाथ

india emotions news desk, new delhi. अमेरिकी वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस का टीका और इलाज खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है. इस बीच चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. चीन के बाहर भी कई देशों में कोरोना से मौत हो चुकी है. इन वैज्ञानिकों ने कोरोना का 3-डी एटॉमिक स्केल मैप तैयार किया है.कोरोना वायरस अब दुनिया के 28 देशों में फैल चुका है.

कोरोना से बुधवार को चीन के 31 प्रभावित प्रांतों में कुल 114 और लोगों की मौत हो गई, जबकि 394 और नए कन्फर्म केस सामने आए. अब चीन में कुल कन्फर्म केस की संख्या 74,576 तक पहुंच गई है. 114 में से 108 लोगों की अकेले वुहान में मौत हुई. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जापान के डायमंड प्रिसेंस क्रूज के दो यात्रियों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि दोनों यात्रियों को कोरोना टेस्ट निगेटिव आने पर छोड़ दिया गया था.
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास (अमेरिका) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस को लेकर खोज में बड़ी सफलता हाथ लगी है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन वैज्ञानिकों को कोरोना का टीका ढूंढने की खोज में सफलता मिली है. चीन के शोधकर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए वायरस के जेनेटिक कोड की मदद से इन्हें सफलता मिली है.

वैज्ञानिक इस एटॉमिक मैप को दुनियाभर के वैज्ञानिकों के साथ साझा करेंगे, ताकि इस पर और शोध किया जा सके. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसकी मदद से इम्यून सिस्टम को वायरस से लड़ने के लिए तैयार करना संभव हो पाएगा.

चीन में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहां हर रोज मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चीन में अबतक मरने वालों की संख्या 2128 तक पहुंच गई है. अब स्वास्थ्यकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. कोरोना (COVID-19) का केंद्र रहे वुहान में एक बड़े अस्पताल के डायरेक्टर की कोरोना से मौत हो गई लेकिन राहत की बात है कि रोज नए कन्फर्म केस की संख्या में कमी आई है.

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की टीम ने सबसे पहले चीन के शोधकर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए वायरस के जेनेटिक कोड का अध्ययन किया. फिर उन्होंने स्टेबलाइजर सैंपल बनाया, जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है. टीम के सदस्यों ने कटिंग एज तकनीक के जरिए स्पाइक प्रोटीन का इमेज बनाया और फिर अपने शोध के निष्कर्षों को साइंस जरनल में प्रकाशित करवाया. इस स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही कोरोना का वैक्सीन तैयार किया जा सकता है. ऐसे में इस नई खोज को कोरोना वैक्सीन डेवलपमेंट की दिशा में बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.