कोरोना वायरस के भूत से न डरें, क्या है और कैसे करें बचाव- पढिय़े

Jan 29 2020

कोरोना वायरस के भूत से न डरें, क्या है और कैसे करें बचाव- पढिय़े

इंडिया इमोशंस हेल्थ डेस्क, लखनऊ।  आजकल हर जगह कोरोना वायरस की ही चर्चा है। लोग डरे हुए हैं कि कहीं वह भी इसकी गिरफ्त में ना आ जाएं सरकार एवं चिकित्सा जगत इस से बचाव एंव उपचार के उपाय खोजने में लगातार लगा हुआ है जिससे की यह वायरस ज्यादा ना फैले। कोरोना वायरस एक प्रकार का आरएनए वायरस है। इसकी खोज सन 1960 में हुई थी।यह मुख्य रूप से पशु, पक्षी और मनुष्य में संक्रमण फैलाता है। इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ऐरोसाल (ड्रापलेट) के द्वारा पहुंचता है यदि कोई संक्रमित व्यक्ति या पशु-पक्षी खांसता य छींकता है, तब यह ड्राप लेट द्वारा वायुमंडल में एरोसाल के रूप में बिखर जाता है जिसमें जब दूसरा व्यक्ति सांस लेता है या उसके शरीर का अंग संपर्क में आता है और यह किसी भी प्रकार से शरीर में प्रवेश कर जाता है तब यह अपना प्रभाव लक्षण दिखाता है।

इसके संक्रमण से मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, पाचन तंत्र एवं प्रजनन तंत्र संक्रमित होते हैं इसके संक्रमण होने पर मनुष्य में बिल्कुल वैसे ही लक्षण मिलते हैं जैसे कि जुकाम के मरीजों में मिलते हैं इन लक्षणों में नाक से पानी बहना, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, बुखार आदि प्रमुख हैं यह जरूरी नहीं है कि इस तरह के लक्षण होने पर कोरोना वायरस कासंक्रमण ही है इसलिये घबराएं नही।शुरुआती दौर में यदि इसका समुचित समुचित उपचार किया जाए तो यह ठीक अवश्य हो जाता है इसकी जांच के लिए मनुष्य की ऐसे स्थान प रजहां पर इसका एपिडेमिक हो यात्रा की गयी हो या शक होने पर पीसीआर टेस्ट से भी पहचाना जाता है।

यदि कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित है तो इससे पर्याप्त दूरी बनाकर के रखना चाहिए।ऐसे मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है। स्वयं को बचाने के अन्य तरीके हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे, विटामिन सी युक्त फल खाएं, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें, मांस मछली और सीफ़ूड न खाएं, बाहर का खाना न खाएं, ताजा खाना खाएं, कुछ भी खाने से पहले हाथ अवश्य धुलें, और बात करते समय खासते, छींकते समय मुंह पर मास्क लगाकर रखें या मुँहढक कर के रखें, सार्वजनिक स्थल पर जाने सेब चें, थमिला ने से बचें हाथ को आंखनाक और मुंह को ना छुएं, पशुवधशालाओं, पशुपक्षी पालन गृह में जाने से परहेज करें, बाहर से आने के पश्चात, सार्वजनिक स्थल से आने के बाद हाथ साबुन से धुले। यदि कोई रोगी है तो उसके वस्त्र, बर्तन,बिस्तर का प्रयोग ना करें।

अभी तक इस बीमारी की कोई भी वैक्सीन य टीका नहीं बनी है नाही कोई विशेष दवा की खोज हुई है। फिर भी कुछ चिकित्सक एंटीवायरल ड्रग देते हैं जिसका प्रभाव अभी तक स्थापित नहीं है।इससे बचाव एवम उपचार के लिए होम्योपैथिक दवाइयों की कारगरता पर भी विचार किया जाना चाहिए क्योंकि इसमे वायरस से होने वाली बीमारियों से बचाव की दवाएं उपलब्ध है परंतु यह औषधि यां प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह से ही प्रयोग करनी चाहिए।

वर्तमान समय इस बीमारी का प्रकोप चीन में हुआ है।इसको दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने पूरे देश में एक अलर्ट जारी कर रखा है कि चीन से आनेवाले समस्त यात्रियों को वायुयान के एयरपोर्ट पर क्वॉरेंटाइन में रखकर उनकी जांच की जाए तथा यदि वे जांच में निगेटिव पाए जाते हैं तभी उनको आम जनता मेंजाने की अनुमति दी जाए।

अपने आम दिनों में स्वच्छता के नियमों का पालन करें एवं सदैव स्वस्थ रहें।

डॉ. अनुरुद्ध वर्मा  (वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक)