UP: इंजीनियर पकड़ेंगे आवारा पशु, आदेश वापस
इंडिया इमोशंस न्यूज मिर्जापुर।उत्तर प्रदेश में अपने-अपने ढंग से सरकार को खुश करने में लगे अफसरों ने मिर्जापुर में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर नौ इंजीनियरों को आवारा पशुओं को रोकने की ड्यूटी लगाई है। हालांकि, मामले को ज्यादा तूल पकड़ते दिखाई देने पर इस आदेश को जिलाधिकारी ने रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी के संभावित दौरे को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता कार्यालय की ओर से एक आदेश जारी कर 9 इंजीनियरों की ड्यूटी लगाई गई। इस दौरान उन्हें आवारा पशुओं को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई।
आदेश में कहा गया है, 27 जनवरी से 31 फरवरी तक चलने वाली गंगायात्रा में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी के आने की संभावना है। इसको ध्यान में रखते हुए मिर्जापुर पुलिस लाइन से बिरोही तक अवर अभियंता की ड्यूटी लगाई जाती है। आगे कहा गया है, "अवर अभियंता अपने गैंग के साथ 29 जनवरी को 8-10 रस्सियां लेकर वहां पहुंचें। अगर आवारा पशु सड़क पर आएं तो उनको बांधकर रखें, ताकि मुख्यमंत्री के आवागमन में कोई दिक्कत ना हो।"
आदेशपत्र मिलने के बाद मिर्जापुर के इंजीनियर्स एसोसिएशन ने पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि उनके इंजीनियर पशुओं को पकड़ने में प्रशिक्षित नहीं हैं और अगर किसी भी कर्मचारी को चोट लगती है तो उसकी जिम्मेदारी इंजीनियर्स एसोसिएशन की नहीं होगी। बेहतर है कि प्रशासन किसी दूसरी एजेंसी से यह काम कराए।
डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा, "जानवरों को पकड़ना इंजीनियरों का काम नहीं है। यह काम वन विभाग या अन्य विभागों से कराया जाना चाहिए। सरकार की इस व्यवस्था का हम विरोध करते हैं।"
मिर्जापुर के जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने आईएएनएस को बताया कि विभाग द्वारा यह आदेश त्रुटिवश जारी किया गया था। इसे अब वापस ले लिया गया है।
गंगायात्रा की शुरुआत सोमवार को मुख्यमंत्री योगी ने बिजनौर से और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बलिया से की है। यह यात्रा 27 जिलों से होकर गुजरेगी। दोनों तरफ से यात्रा का समागम 31 जनवरी को कानपुर में होगा। कुल 1238 किलोमीटर की इस यात्रा में प्रदेश सरकार के 56 और केंद्र सरकार के आठ मंत्री शामिल होंगे। यात्रा के दौरान 30 स्थानों पर जन सभाएं भी की जाएंगी।
--आईएएनएस