बारिश का मजा लीजिए पर संभल कर...यहां पढिय़े कैसे?

Jul 17 2019

बारिश का मजा लीजिए पर संभल कर...यहां पढिय़े कैसे?
बाढ़-बारिश क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का पर्याप्त छिड़काव करना चाहिए

इंडिया इमोशंस हेल्थ टिप्स। सरकार को बारिश ग्रस्त क्षेत्रों में तत्काल जल भराव दूर करने के लिये कोशिश करनी चाहिए। बारिश ग्रस्त इलाकों में पीने वाले पानी में पर्याप्त मात्रा में क्लोरिन मिलानी चाहिए जिससे जल का संक्रमण कम हो जाये साथ ही सरकार द्वारा बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जो खाना सप्लाई किया जाता है उसकी गुणवत्ता पर पर्याप्त ध्यान रखा जाना चाहिए। बाढ़ बारिश क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का पर्याप्त छिड़काव करना चाहिए जिससे संक्रमण की सम्भावना को कम किया जा सके। बारिश-बाढ़ ग्रस्त इलाकों में चिकित्सक एवं औषधियों की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। बारिश-बाढ़ के दौरान सावधानियां अपनाकर बिमारियों से बचा जा सकता है।


शरीर पर पूरे कपड़े पहने। इस मौसम में चिकुनगुनिया बुखार भी काफी फैलता है इसका वायरस भी एडिज मच्छर की एक प्रजाति द्वारा फैलता है। इसमें तेज बुखार जोड़ों में अकड़न तेज दर्द, यहां तक की चलना फिरना भी मुश्किल हो जाता है। यह दर्द काफी दिन तक रहता है। इससे बचाव के लिये भी मच्छरों से बचाव जरूरी है। भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना चाहिए। बाढ़ के दौरान पानी में सालमोनेलाटाइफी वैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है जिसके कारण टाइफाइड बुखार हो जाता है। इससे बचाव के लिए हमेशा पानी उबाल कर पीना चाहिए तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। रोगी व्यक्ति को खुले में शौच नहीं करना चाहिए।

 

बाढ़-बारिश के दौरान पीलिया का खतरा बढ़ जाता है। यह हीपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के कारण होता है यह संक्रमण संक्रमित भोजन, संक्रमित पानी, संक्रमित फल एवं संक्रमित पेय पदार्थों के कारण फैलता है। इससे बचने के लिए बाजार के खुले एवं पेय पदार्थों से बचना चाहिए।

 

बारिश के दौरान अपच, बदहजमी, गैस, खट्टी डकारें आदि की समस्या हो ज्यादा हो सकती है क्योंकि शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है, इससे बचने के लिये शारीरिक सक्रियता बनाये रखें, साथ ही हल्का व सुपाच्य भोजन करें।

 

बारिश के उमस एवं गंदगी भरे मौसम में बैक्टरिया, पैरासाइट, फंगस आदि त्वचा को संक्रमित कर देते है जिसके कारण फोडे़-फुुंसी, खुजली, दाद, फफोले, घमौरी, विषैले फोडे़ आदि की संभावना ज्यादा रहती है। इससे बचने के लिए गंदे एवं प्रदूषित पानी से बचना चाहिए एवं साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। इस दौरान नेत्र प्रदाह (कन्जेक्टवाइटिस) ज्यादा तेजी के साथ फैलता है। इसमें आखों में जलन, दर्द, आखों का लाल होना, कीचड़ आना एवं आखों से पानी आने की समस्या हो जाती है। इससे बचने के लिए पीडि़त रोगी से व्यक्तिगत सम्पर्क एवं उसके कपड़ो जैसे रूमाल, तौलिया के प्रयोग एवं हाथ मिलाने से बचना चाहिए। तेज धूप से बचना चाहिए, आखों को ठंडे पानी से बार-बार धोना चाहिए। आंख पर संक्रमण के दौरान काला चश्मा लगाये रखना चाहिए।

 

बाढ़-बारिश के समय सर्दी-जुकाम, फ्लू आदि तेजी के साथ फैलता है क्योंकि यह मौसम वायरस के फैलने के लिये अनूकुल है। साथ ही इससे बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए एवं व्यक्तिगत सम्पर्क से बचना चाहिए। इस दौरान ज्यादा देर तक भीगने एवं भीगे कपड़े पहने रहने से बदन में दर्द आदि हो सकता है इसलिए भीगने के तुरन्त शरीर पोछ लेना चाहिए तथा तत्काल सूखे कपडे़ पहनने चाहिए।

 

बारिश के दौरान ज्यादातर बीमारियाँ गन्दगी, संक्रमित भोजन एवं पानी के कारण फैलती है इसलिए यदि हम गन्दगी को दूर कर दें एवं प्रदूषित भोजन एवं पानी का प्रयोग न करें। इस दौरान पानी उबालकर पीयें। पत्तेदार सब्जियों को खाने से बचें। इस मौसम में सलाद भी नहीं खाना चाहिए।

 

: डॉ. अनुरूद्ध वर्मा, एम.डी.