पुलिस कमिश्नर को दिए गए ये 15 अधिकार, आम जनता को मिलेगा सीधा लाभ, नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

Jan 18 2020

पुलिस कमिश्नर को दिए गए ये 15 अधिकार, आम जनता को मिलेगा सीधा लाभ, नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए शुरू की गई पुलिस आयुक्त प्रणाली से लखनऊ और नोएडा के लोगों को लाभ होगा। पुलिस आयुक्त को 15 अधिकार दिए गए हैं, जो पहले जिलाधिकारी के अधीन हुआ करते थे। अब लोगों को अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

151 की कार्रवाई
पुरानी व्यवस्था: मजिस्ट्रेट अपने स्तर से कार्रवाई कर अधिकतर मामलों में तत्काल जमानत देते हैं।

नई व्यवस्था: मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस आयुक्त को दिए गए अधिकार के तहत तय होगी कार्रवाई।

गुंडा एक्ट में अब ये होगा बदलाव
पुरानी व्यवस्था : ऐसे मामलों में लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है।
नई व्यवस्था : अब इस तरह के मामलों में तेजी आएगी।

107-116 की कार्रवाई
पुरानी व्यवस्था : यह सिर्फ रस्म अदायगी बनकर रह गई थी। इसके तहत पाबंद किए गए लोग यदि दूसरी घटना में शामिल होते थे, तो कोई कार्रवाई नहीं होती थी।

नई व्यवस्था : अब पुलिस सीधे तौर पर निर्धारित पाबंदियों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए अपने स्तर से ही निर्णय ले सकेगी। कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।

फायर विभाग की एनओसी देंगे पुलिस कमिश्नर
पशु क्रूरता अधिनियम में भी सीधे कार्रवाई की जा सकेगी। अब आतिशबाजी या अन्य विस्फोटक सामग्री संबंधी लाइसेंस पुलिस महकमे से ही मिलेगा। फायर की एनओसी में न सिर्फ जिलाधिकारी का रोल समाप्त हो जाएगा बल्कि समय की भी बचत होगी। गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रिया-कलाप निवारण अधिनियम 1986 का भी अधिकार अब पुलिस कमिश्नर के पास रहेगा।

ये अधिकार न मिलने का मलाल
पुलिस को शस्त्र लाइसेंस जारी करने, होटलों के सराय एक्ट के तहत कार्रवाई का अधिकार, मनोरंजन कर संबंधी मामले और बार लाइसेंस जारी करने का अधिकार पुलिस कमिश्नर को नहीं दिया गया है। दिल्ली और मुंबई में यह अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास हैं। यूपी में पुलिस कमिश्नर को यह अधिकार न मिलने का आईपीएस अफसरों को मलाल है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को उम्मीद भी है कि देर-सवेर यह अधिकार भी उन्हें मिलेगा।

नोएडा में बनेंगे दो नए थाने
मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि नोएडा में दो नए थाने बनाए जा रहे हैं। ये कमिश्नरी सिस्टम के अधीन होंगे। इससे कानून-व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ अपराध नियंत्रण पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि इसके प्रस्ताव पर काम चल रहा है।