... यहां तो बाऊंसर बॉल भी उड़ाने को तैयार दिख रहे हैं येदियुरप्पा

Jul 17 2019

... यहां तो बाऊंसर बॉल भी उड़ाने को तैयार दिख रहे हैं येदियुरप्पा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ होगी कर्नाटक की राजनीतिक तस्वीर

इंडिया इमोशंस पॉलीटिकल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व कप क्रिकेट का बुखार देश के खेल प्रेमियों पर अब भले न उतर गया हो लेकिन कर्नाटक का सियासी बुखार फिलवक्त 104 से कम नहीं दिखता? यहां कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हैं। बहरहाल, कांग्रेस के बागी विधायक बीजेपी नेता येदियुरप्पा के साथ क्रिकेट का मजा लेते नजर आए हैं। इस सियासी मैच की शुरुआत तब हुई जब कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने इस्तीफा सौंप दिया. जब ये सारी सियासी हलचल चल रही थी, तभी एक तस्वीर सामने आई जिसमें बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा रिजॉर्ट में रुके हुए बीजेपी विधायकों के साथ बल्लेबाजी करते दिखे.

इस दौरान बागी विधायक बढ़त लिए दिखे तो अगले ही पल स्पीकर ने विधायकों को मुलाकात के लिए बुलावा भेजा और कहा कि बिना मुलाकात के इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस बीच कर्नाटक सरकार के जरिए बागी विधायकों को मनाने की पूरी कोशिश हुई लेकिन बागी विधायक भी एक कदम आगे निकले और उन्होंने मुंबई के होटल में डेरा डाल लिया.

इस बीच बागी विधायकों ने किसी से भी मुलाकात नहीं की और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया. अब कर्नाटक के राजनीति का रुख एक बार फिर से बागी विधायकों की तरफ मुड़ गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के इस राजनीतिक घटनाक्रम में अंपायर की भूमिका अदा की. जिससे बागी विधायकों को झटका लगा और राजनीति घमासान के बीच कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राहत की सांस ली.

सुप्रीम कोर्ट ने पहले बागी विधायकों को स्पीकर से मिलने और फिर इस्तीफा सौंपने की बात कही. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को मंगलवार तक इस्तीफों पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लेने के लिए मना कर दिया. जिससे राजनीतिक घटनाक्रम का रुख एक बार फिर से बदल गया.

कर्नाटक में भी पिछले कई दिनों से हाल कुछ ऐसा ही है. यहां भी राजनीति का रोमांच चरम पर है और जीत किसकी होगी, इसका अंदाजा भी किसी को नहीं. कर्नाटक के कई विधायकों ने इस्तीफा दिया. स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. फिर बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक इस्तीफा स्वीकार करने या अयोग्य ठहराने पर रोक लगा दी.


अब कर्नाटक में राजनीतिक तस्वीर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ होगी तो वहीं 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का दावा है कि उनके पास बहुमत है. लेकिन अब देखना होगा कि कर्नाटक का नतीजा सुपर ओवर में ही सामने आ जाता है या फिर कर्नाटक मसले को हल करने के लिए ज्यादा बाउंड्री का सहारा लेना पड़ेगा.इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कर्नाटक मुद्दे पर जमकर बहस हुई लेकिन फैसला फिर भी नहीं आया.