स्मार्टफोन समय चुराता है, 10 मिनट अपने दादा-दादी, मां-बाप के साथ भी वक्त बिताओ: PM Modi

Jan 20 2020

स्मार्टफोन समय चुराता है, 10 मिनट अपने दादा-दादी, मां-बाप के साथ भी वक्त बिताओ: PM Modi

indiaemotions news desk, new delhi. PM मोदी ने सोमवार को छात्रों से 'परीक्षा पे चर्चा' कर उनके साथ अपने मूल्यवान सुझाव साझा किया. पीएम ने शिक्षकों और अभिभावकों से भी संवाद किया. इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें. दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में 'परीक्षा पे चर्चा' के तीसरे सत्र में मोदी छात्रों और शिक्षकों से परीक्षा के तनाव को दूर करने पर किया. कार्यक्रम में कुल 2,000 छात्र एवं अध्यापक भाग रहे, जिनमें से 1,050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए किया गया. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन छात्रों का चयन किया, जो पांच विषयों पर उनके द्वारा प्रस्तुत निबंधों के आधार पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछें.

PM ने कहा, '1962 की वॉर के बाद अरुणाचल प्रदेश का मिजाज बदला है, वहां के लोगों ने सभी भाषाओं को अपनाया है.'अरुणाचल प्रदेश की छात्रा तपी अगू, गुजरात की गुनाक्षी शर्मा और चेन्नई के छात्र शैलेष कुमार ने पीएम मोदी से पूछा, 'नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों में सबसे ज्यादा क्या जरूरी है.' PM मोदी ने जवाब देते हुए कहा, 'देश में अरुणाचल प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है, तो वहां के लोग एक-दूसरे से जब मिलते हैं तो जय हिंद कहते हैं.'

PM मोदी ने कहा, 'मैं नई टेक्नोलॉजी को बहुत पसंद करता हूं और इसके बारे में जानना चाहता हूं. आप वादा करो कि आप टेक्नोलॉजी फ्री ऑवर जरूर अपने जीवन में लाओगे. इन घंटों में आप किसी भी डिवाइस को हाथ नहीं लगाओगे, वादा करो. आप इस समय में परिवार से बात करोगे, ऐसा करके जिंदगी बहुत अच्छी हो जाएगी.'

PM ने कहा, 'आप तय कीजिए कि अपने मोबाइल की डिक्शनरी से हर रोज 10 शब्द नोट कीजिए, इन्हें सीखिए, इनका उपयोग करना सीखिए. आज सोशल नेटवर्किंग व्हाट्सएप कर रहा है. आज हम टेक्नोलॉजी के जरिए ही दोस्तों को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं. आप लोग ध्यान रखिए कि आपको टेक्नोलॉजी का गुलाम नहीं होना है. इसके बारे में जानिए लेकिन इसके दुरुपयोग से बचिए.'

PM ने कहा, 'स्मार्टफोन आपका समय चुराता है. आप 10 मिनट अपने दादा-दादी, मां-बाप व परिवार के अन्य लोगों के साथ भी वक्त बिताओ. टेक्नोलॉजी की बुराई से बचना चाहिए. टेक्नोलॉजी को खुद पर हावी न होने दें.'

अंडमान-निकोबार की छात्रा और सिक्किम के छात्र ने पीएम से सवाल पूछा, 'आज देश में बहुत से छात्र विज्ञान और तकनीक की मदद से पढ़ाई कर रहे हैं, ये कितना मददगार है.' पीएम ने जवाब दिया, 'हमारा जीवन आज टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हो गया है. इससे घबराइए नहीं. टेक्नोलॉजी को दोस्त मानें. इसे कैसे अपने जीवन में प्रयोग करना है, इसपर फोकस करें.'

PM ने कहा, '10वीं-12वीं के विद्यार्थियों से कहना चाहूंगा कि आप कुछ देर के लिए कुछ अलग भी कीजिए. सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान नहीं दीजिए, माइंड फ्रेश करने के लिए और भी कुछ करिए.'

पीएम मोदी ने कहा, 'कई बार मां-बाप बच्चों पर पढ़ाई की तरह एक्सट्रा एक्टिविटी के लिए भी दबाव डालते हैं. मां-बाप ऐसा न करें. बच्चों की रुचि के हिसाब से उनको प्रोत्साहित करना चाहिए.'

पीएम मोदी ने कहा, 'अगर मुझे सिखाया गया कि कम बोलने से फायदा होता है तो मुझे इसका प्रयोग घर पर ही करना चाहिए. हमें रोबोट नहीं बनना है. हमारे देश के नौजवानों को ऊर्जा से भरपूर होना चाहिए, इसलिए पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों में भी बराबर हिस्सा लेना चाहिए. छात्र पढ़ाई और खेल के बीच समय का तालमेल जरूर बैठाएं.'

मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की छात्रा ने पूछा, 'जो छात्र पढ़ाई में अच्छे नहीं होते हैं लेकिन अन्य क्षेत्रों जैसे- खेलकूद, संगीत आदि में अच्छे होते हैं, उनका भविष्य क्या होगा, इनके बीच बैलेंस कैसे करें.' पीएम ने जवाब दिया, 'शिक्षा के जरिए हम दुनिया में प्रवेश करते हैं. जब बच्चे ABCD सीखते हैं तो इसका मतलब है कि वो नई दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं. 'क ख ग घ' से शुरू करते हुए वो कहां पहुंच गया. जो हम सीखते हैं उसे रोजाना कसौटी पर कसना चाहिए.'

पीएम मोदी ने कहा, 'आज जिंदगी बदल चुकी है. अंक पड़ाव हैं लेकिन ये जिंदगी है और अंक ही सब कुछ है, ये नहीं मानना चाहिए. हमें इस सोच से बाहर आना चाहिए. बच्चों के माता-पिता से गुजारिश करूंगा कि वो बच्चों पर प्रेशर न डालें. बच्चों को उनके मन की भी करने दें.'

उत्तराखंड के छात्र मयंक ने वीडियो मैसेज के जरिए पीएम से पूछा, 'परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए हम कितना ध्यान लगाएं और क्या अंकों से सफलता को मापा जा सकता है.' पीएम ने कहा, 'सफलता-विफलता का टर्निंग पॉइंट मार्क्स बन गए हैं. मन इसी में रहता है कि एक बार ज्यादा अंक ले आऊं. मां-बाप भी ऐसा ही करते हैं. 10वीं के बाद 12वीं और उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम के लिए मां-बाप बच्चों पर प्रेशर डालते हैं.'

पीएम मोदी ने कहा, 'वेस्टइंडीज के साथ एक मैच में अनिल कुंबले चोटिल होने के बावजूद मैदान में उतरे. ब्रायन लारा का विकेट लेकर उन्होंने पूरा खेल पलट दिया. एक व्यक्ति प्रेरणा की वजह बन जाता है.'

पीएम मोदी ने कहा, '2001 में कोलकाता में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया का मैच था. ऐसा माहौल हो गया. बुरे हाल थे. फटाफट हमारे विकेट गिरने लगे. सारा माहौल निराशा का था. ऑडियंस भी नाराज थी. आपको याद होगा राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने मैदान में जो कमाल किया, सारी परिस्थिति बदल दी और मैच जीतकर आ गए. एक संकल्प कैसे हार सकता है.'

पीएम मोदी ने कहा, 'जब मुझे इसके फेल होने के बारे में पता चला तो मैं सो नहीं पाया. मुझे चैन नहीं आया. मैंने वैज्ञानिकों से मिलने के लिए अपना कार्यक्रम बदला. मैं उनसे मिलना चाहता था. सुबह सभी से मिला और अपने भाव व्यक्त किए. उनकी मेहनत की सराहना की. फिर पूरे देश का माहौल बदल गया.'

पीएम मोदी ने कहा, 'चंद्रयान 2 के समय पर आप सब रातभर जाग रहे थे. आपको ऐसा लग रहा था कि आपने ही किया है. जब नहीं हुआ तो पूरा हिंदुस्तान निराश हो गया था. सब रात को जाग रहे थे. कभी-कभी विफलता हमको ऐसा कर देती है. मुझे लोगों ने वहां जाने से मना किया लेकिन मैंने जाने का फैसला किया.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान की छात्रा ने पहला सवाल पूछा, 'बोर्ड परीक्षा के बारे में सुनते ही हमारा मूड ऑफ हो जाता है तो हम कैसे अपने आपको परिश्रम करने के लिए प्रेरित करें.' जवाब में पीएम ने कहा, क्या हमने कभी सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है. खुद की वजह से या बाहर की वजह से. घड़ी देखकर पढ़ाई करने से गड़बड़ शुरू होती है.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को नए साल 2020 की शुभकामनाएं दीं. पीएम ने कहा, 'आपके लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस दशक में देश जो भी करेगा उसमें इस समय 10वीं, 12वीं के विद्यार्थी हैं, उनका सबसे ज्यादा योगदान होगा.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर पहुंचे और वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया. उन्होंने कहा, 'एक बार फिर आपका दोस्त आपके बीच में हैं.''परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'युवाओं से बात करना मेरे लिए भी प्रेरणादायी होता है. मैंने छात्रों से बात करने का जिम्मा लिया है. मुझे लगा कि मुझे भी आपके माता-पिता का बोझ थोड़ा हल्का करना चाहिए. मैं भी तो आपके परिवार का सदस्य हूं.'