SC ने दिया टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका, 23 तक करना होगा 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान

Jan 16 2020

SC ने दिया टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका, 23 तक करना होगा 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान

इंडिया इमोशंस न्यूज नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर और एम.आर. शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं में कोई योग्यता नहीं पाई और इसे खारिज कर दिया। शीर्ष कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण याचिका को खारिज किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए एयरटेल ने निराशा जताई और कहा कि वह क्यूरेटिव याचिका के लिए विचार कर रहा है।

दूरसंचार कंपनियों के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपए के अंतिम भुगतान की तिथि 23 जनवरी है। नवंबर में दूरसंचार मंत्रालय ने संसद को बताया कि दूरसंचार कंपनियों पर लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) में लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपए का बकाया है। कुल राशि को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। जुलाई 2019 तक लाइसेंस शुल्क 92,642 करोड़ रुपए और एसयूसी अक्टूबर 2019 तक 55,054 करोड़ रुपए है।

उल्लेखनीय है कि कंपनियों को एजीआर का 3 फीसदी स्पेक्ट्रम और 8 प्रतिशत लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना टेलीकॉम ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती थीं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे नॉन कोर स्त्रोतों से प्राप्त रेवेन्यू को छोड़ बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। विदेशी मुद्रा विनिमय (फॉरेक्स) एडजस्टमेंट को भी एजीआर में माना गया।