बड़ी खबरः सुपरमार्केट और शॉपिंग मॉल में भी बिकेगी शराब, योगी सरकार ला रही प्रस्ताव

Jan 15 2020

बड़ी खबरः सुपरमार्केट और शॉपिंग मॉल में भी बिकेगी शराब, योगी सरकार ला रही प्रस्ताव
Demo pic

लखनऊ: शराब के शौकीनों के लिए बड़ी खबर है. अब आप मॉल और सुपरमार्केट में शॉपिंग के साथ शराब भी खरीद सकते हैं. यानि रोजमर्रा की जरूरतों के साथ आपको मॉल में शराब भी मिलेगी. योगी सरकार कैबिनेट में जल्द इसका प्रस्ताव ला सकती है. सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग ने इस संबंध में पूरा प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है. प्रस्ताव के मुताबिक इस फैसले से राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी. सरकार इस संबंध में जल्द फैसला कर सकती है.


यूपी सरकार आबकारी नीति में बदलाव की तैयारी की तैयारी कर रही है. राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य उपायों पर भी विचार किया जा रहा है. अब सरकार मॉल और सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की तैयारी कर रही है. इससे राजस्व में बढ़ावा मिलेगा. वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में शराब व बीयर की दुकानों की लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव है. जिसके बाद उत्तर प्रदेश में शराब और बीयर के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. फिलहाल शराब व बीयर विक्रेताओं, शराब बनाने वाली डिस्टलरियों के प्रतिनिधियों व विभाग के अधिकारियों के साथ कई चक्रों की बातचीत के बाद आबकारी नीति को अंतिम रूप दिया गया है.

अप्रैल से महंगी हो सकती है शराब
इसके बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह से शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. सबसे पहले उन विक्रेताओं के लाइसेंस का नवीनीकरण होगा जिन्होंने मानक को पूरा किया होगा. जो विक्रेता नवीनीकरण नहीं करा सकेंगे उनकी दुकानों के लाइसेंस आवंटन के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित होंगे और फिर लाटरी ड्रा कराया जाएगा. प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए एक साथ ही इस साल की शुरुआत में आबकारी नीति तय कर दी थी.

बार कोड स्कैनिंग खत्म करने की मांग
अभी तक शराब की दुकान के खुलने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक होता है. लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए अधिकारी इसमें बदलाव करवाना चाहते हैं. विभाग के अधिकारी सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक शराब बिक्री चाहते हैं. शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव आबकारी को इस बारे में एक ज्ञापन भी सौंपा था. इस ज्ञापन में मौजूदा नीति के कई बिंदुओं पर ऐतराज जताया गया है. विक्रेताओं ने मांग की है कि हर बोतल पर अंकित बार कोड की स्कैनिंग की अनिवार्यता को खत्म की जाए.