जेएनयू हिंसा: नकाबपोश हमलावरों की तलाश, छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष पर एफआईआर

Jan 07 2020

जेएनयू हिंसा: नकाबपोश हमलावरों की तलाश, छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष पर एफआईआर

indiaemotions news network, नई दिल्ली, रविवार शाम जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा में कई छात्र घायल हुए थे। हाथ में डंडे, रॉड, हॉकी, पत्थरों के साथ पहुंचे नकाबपोश हमलावरों ने स्टूडेंट्स को जमकर पीटा। करीब 5 घंटे तक हंगामा होता रहा। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन प्रेजिडेंट आईशी घोष समेत कई स्टूडेंट्स और टीचर्स तक पर हमला हुआ। सिर, हाथ, पैर की गंभीर चोटों के साथ दो दर्जन से अधिक स्टूडेंट्स को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया तो एबीवीपी ने लेफ्ट पर आरोप मढ़ा।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) बवाल पर पुलिस ऐक्टिव हो चुकी है। छात्रों पर नकाबपोश हमलावरों को पुलिस खोजने में लगी हुई है। इस बीच पुलिस ने जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष पर एफआईआर दर्ज की है। चार जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने के आरोप में घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के आरोपी कॉलम में अन्य छात्रों का नाम शामिल नहीं किया गया है, लेकिन डिटेल में उनका नाम दर्ज किया गया है।


जहां एक तरफ आम छात्र पढ़ने, लिखने, एग्जाम देने, नौकरी, रिसर्च, इनोवेशन में व्यस्त है वहीं दूसरी तरफ वामपंथी छात्र मीडिया के सहारे पोलिटिकल पार्टियों में अपने प्लेसमेन्ट करवाने के ल...+

छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष और अन्य छात्रों पर जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इन सभी छात्रों पर 4 फरवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और मौजूद सुरक्षा गार्ड से मारपीट करने का आरोप है। जेएनयू प्रशासन मे पांच जनवरी को शिकायत की थी, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।

जेएनयू के तीन हॉस्टलों में पांच जनवरी की शाम जमकर बवाल हुआ। कई छात्रों को पीटा गया और तोड़फोड़ भी की गई। छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर भी हमला किया गया और उन्हें सिर पर काफी चोट लगी। अभी तक हमलावर पकड़ में नहीं आए हैं, लेकिन नकाबपोश हमलावरों पर जमकर राजनीति शुरू जरूर हो गई है। हमले के बाद साबरमती हॉस्टल के दो वार्डन ने इस्तीफा दे दिया। राम अवतार मीणा और प्रकाश साहू खुद यह कहते हुए अलग हो गए कि वे छात्रों को सुरक्षा मुहैया नहीं करवा पाए।