महाराष्ट्र : पहले फडणवीस शिवसेना पर बरसे और फिर ठाकरे ने ऐसे किया पलटवार

Nov 08 2019

महाराष्ट्र : पहले फडणवीस शिवसेना पर बरसे और फिर ठाकरे ने ऐसे किया पलटवार

इंडिया इमोशंस न्यूज मुंबई। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव हुए थे। सिर्फ तीन दिन के अंदर ही यानी 24 अक्टूबर को इसके नतीजे आ गए। जनता ने भाजपा और शिवसेना गठबंधन को बहुमत सौंप दिया। इसके बावजूद 14 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक सरकार नहीं बनी है। इसका कारण है भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी जंग। इस बीच आज शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर फडणवीस पर पलटवार किया।

ठाकरे ने कहा कि हमने हमेशा लोगों की आवाज उठाई है। हम सरकार का हिस्सा होने के बाद भी उनसे सवाल पूछते थे, इसलिए लोगों ने हमारा समर्थन किया। फडणवीस ने शाह का हवाला देकर 2.5 साल के सीएम की बात होने से इनकार किया, जनता को पता है कौन झूठ बोल रहा है। पदों और मुख्यमंत्री पद को लेकर 50-50 पर सहमति बनी थी। मुझे इस पर सफाई देने की जरूरत नहीं। मैंने उनका समर्थन इसलिए किया था क्योंकि फडणवीस मेरे अच्छे मित्र हैं। मोदीजी पर टिप्पणी की बात कही गई, मैंने मोदीजी पर कोई टिप्पणी नहीं की। मोदीजी पर टिप्पणी की ही बात है तो दुष्यंत चौटाला ने काफी कुछ कहा है।

इससे पहले फडणवीस ने राज्यपाल को त्यागपत्र सौंपने के बाद कहा कि मेरे पास अच्छी खबर है। मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मुझे महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला। मैं महाराष्ट्र, मोदी, शाह, नड्डा और हमारे सभी नेताओं का शुक्रगुजार हूं। महाराष्ट्र में हमें लोकसभा चुनावों के दौरान एक बड़ा जनादेश मिला और यहां तक कि विधानसभा में भी हमें सहयोगी के रूप में चुनावों का सामना करना पड़ा...महायुति (महागठबंधन) को स्पष्ट जनादेश मिला।

हम 160 से ज्यादा सीट जीतने में सफल रहे। भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हमारा शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई वादा नहीं हुआ था। मेरे सामने कभी भी ऐसी नहीं हुई। मैंने खुद फोन कर उद्धव ठाकरे से बात की थी। उद्धव के करीबी लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। जब चुनाव साथ मिलकर लड़े थे तो फिर एनसीपी से चर्चा क्यों की जा रही है।

फडणवीस ने शिवसेना सिर्फ सीएम पद को लेकर बात करना चाहती है। मेरे उद्धवजी से बहुत अच्छे संबंध हैं। शिवसेना ने हमसे चर्चा करने के बजाय एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा की। मुझे लगता है कि नतीजे आने के बाद ही शिवसेना ने तय कर लिया था कि वह एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी। नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना के कुछ नेता जिस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, हम उससे सख्त भाषा में जवाब दे सकते हैं लेकिन हमारी संस्कृति यह नहीं है।

हम बाला साहब ठाकरे के खिलाफ कभी सोच भी नहीं सकते। यहां तक कि मोदीजी ने भी कभी उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी की गई फिर भी हमने कभी कुछ नहीं कहा। इससे हमें बहुत दुख हुआ है। राज्यपाल ने मुझसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है। जब भी सरकार बनेगी, वह भाजपा के नेतृत्व में ही बनेगी। खरीद-फरोख्त के आरोप पर फडणवीस ने कहा कि साबित करके दिखाएं।