अयोध्या पर न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए- मायावती

Nov 07 2019

अयोध्या पर न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए- मायावती

इंडिया इमोशंस न्यूज लखनऊ: अगले हफ्ते अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर हिंदू नेता और मुस्लिम धर्मगुरु लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. हर कोई अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का समर्थन करने की अपील कर रहा है. बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी कोर्ट की व्यवस्था का सम्मान करने की बात कही है. मायावती ने गुरुवार को कहा कि शीर्ष अदालत की व्यवस्था का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए. साथ उन्होंने सरकार से लोगों के जानमाल की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया है.

बसपा सुप्रीमो ने आज सुबह एक ट्वीट में कहा 'अयोध्या मामले में जल्द ही उच्चतम न्यायालय का फैसला आने की संभावना है जिसे लेकर जनमानस में बेचैनी और आशंकायें होना स्वाभाविक है. ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है कि वे न्यायालय के फैसले का हर हाल में सम्मान करें. यही देशहित तथा जनहित में सर्वोत्तम उपाय है.'

 

1. अयोध्या प्रकरण के सम्बंध में मा सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजकल में ही आने की संभावना है जिसको लेकर जनमानस में बेचैनी व विभिन्न आशंकायें स्वाभाविक हैं। ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है कि वे कोर्ट के फैसले का हर हाल में सम्मान करें यही देशहित व जनहित में सर्वोत्तम उपाय है

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा 'साथ ही, सत्ताधारी पार्टी और केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी यह संवैधानिक एवं कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मौके पर लोगों के जानमाल की सुरक्षा की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें.'

1. अयोध्या प्रकरण के सम्बंध में मा सुप्रीम कोर्ट का फैसला आजकल में ही आने की संभावना है जिसको लेकर जनमानस में बेचैनी व विभिन्न आशंकायें स्वाभाविक हैं। ऐसे में समस्त देशवासियों से विशेष अपील है कि वे कोर्ट के फैसले का हर हाल में सम्मान करें यही देशहित व जनहित में सर्वोत्तम उपाय है

2. साथ ही, सत्ताधारी पार्टी व केन्द्र एवं राज्य सरकारों की भी यह संवैधानिक व कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वे इस खास मौके पर लोगों के जानमाल व मज़हब के सुरक्षा की हर प्रकार की गारण्टी सुनिश्चित करें और सामान्य जनजीवन को प्रभावित न होने दें।

बता दें कि प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 40 दिनों से चली आ रही सुनवाई 16 अक्टूबर को पूरी करने के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब शीर्ष अदालत धार्मिक भावनाओं एवं राजनीति के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाने वाले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में 17 नवंबर से पहले फैसला सुना सकती है, क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई उसी दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं. वह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे हैं.