कई मौकों पर विवादों में रहीं पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र में खो दी अपने पिता की राजनीतिक विरासत

Oct 24 2019

कई मौकों पर विवादों में रहीं पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र में खो दी अपने पिता की राजनीतिक विरासत

इंडिया इमोशंस न्यूज महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे अपने दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत नहीं बचा सकीं। बीड के परली विधानसभा सीट से वह चुनाव हार गईं। पंकजा अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे से हार गईं।
पंकजा मुंडे ने परली विधानसभा सीट पर अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं हार की जिम्मेदारी लेती हूं। मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम किया। मैं, हालांकि सरकार में शामिल थी, लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र और लोगों के लिए हर मोर्चे पर मेरा संघर्ष जारी रहा।

पंकजा मुंडे के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया था, फिर भी ये तमाम प्रचार अभियान पंकजा की हार को नहीं रोक पाए। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार अपनी हार के पीछे की मुख्य वजह पंकजा मुंडे खुद ही हैं।

पिछले कुछ महीनों में पंकजा को उनकी करनी और उनके विवादित बयानों की वजह से आलोचना झेलनी पड़ी थी। अप्रैल में सूखे की मार झेल रहे लातूर में उनकी सेल्फी हो या फिर एक रैली में संविधान बदल देने की घोषणा संबंधी बयान हो, उन्होंने कई विवादों को जन्म दिया है।


ट्विटर पर शेयर किया 'सूखे की सेल्फी' और हो गईं ट्रोल
महाराष्ट्र सरकार में ग्रामीण विकास और जल संरक्षण मंत्री पंकजा मुंडे अप्रैल में सूखे से बेहाल मराठवाड़ा के लातूर जिले के दौरे पर गई थीं। वहां पीड़ित किसानों से मिलने के बाद सूखा प्रभावित इलाके के दौरे के दौरान पंकजा ने अपनी खूब सेल्फी ली। इतना ही नहीं सेल्फी ली गई तस्वीरों को पंकजा ने सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया।

पंकजा की सेल्फी के न केवल विपक्ष के नेताओं ने बल्कि लोगों ने भी काफी निंदा की। पंकजा की सेल्फी पर इसलिए विवाद खड़ा हो गया क्योंकि ये वही लातूर का इलाका है जो भीषण सूखे की चपेट में है। लोगों ने कहा जिस जिले में पानी के लिए धारा 144 तक लागू हो चुका हो, वहां एक मंत्री को ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए थी। ट्विटर पर लोगों ने उनकी सेल्फी की काफी निंदा की।

चुनावी रैली में कह डाली थी संविधान बदलने की बात

अप्रैल में ही उन्होंने एक चुनावी रैली के दौरान संविधान बदलने की बात कह डाली थी। बीड में अपनी बहन प्रीतम मुंडे के लिए चुनाव प्रचार को गईं पंकजा ने कहा था कि यह कोई जिला परिषद चुनाव नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव हैं। महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने संविधान लिखा था। हमें संविधान बदलना चाहिए। हम नए बिल लाएंगे और कुछ बदलाव करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि संविधान में बदलाव चाहिए तो किसी महान पुरुष को लोकसभा पहुंचाना होगा।


राहुल गांधी पर भी की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
अप्रैल में ही अपनी बहन प्रीतम मुंडे के लिए एक अन्य चुनावी रैली में पंकजा ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था। महाराष्ट्र के जालना की चुनावी रैली में उस वक्त सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष के सवाल उठाने की बात को लेकर उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी के शरीर में बम बांधकर उन्हें वहां भेज देना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि हमारे जवानों पर कायरतापूर्ण हमले के बाद हमने सर्जिकल स्ट्राइक की और कुछ लोग पूछते हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत कहां हैं। मैं कहती हूं कि राहुल गांधी के शरीर पर बम बांधकर उन्हें वहां भेज देना चाहिए, तब उन्हें समझ में आएगा।

इस बार पंकजा और धनंजय के बीच जंग की शुरुआत पुरानी कड़वाहट से हो चुकी थी। पंकजा मुंडे पर एक चुनावी रैली में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में एनसीपी नेता धनंजय मुंडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। हालांकि, उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोप से इनकार किया है।

आरोप और प्राथमिकी पर कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन फिलहाल धनंजय मुंडे ने जीत का स्वाद चखा है और एनसीपी कार्यकर्ता उनकी जीत की खुशी मना रहे हैं।