पटना में थमी 'आफत' की बारिश, आसमान से गिराए जा रहे 'फूड पैकेट'

Sep 30 2019

पटना में थमी 'आफत' की बारिश, आसमान से गिराए जा रहे 'फूड पैकेट'

इंडिया इमोशंस न्यूज पटना। बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के कई इलाके जलमग्न हैं। हालांकि राहत की बात है कि सोमवार को बारिश नहीं हुई है। इस बीच पहले की बारिश के कारण जलमग्न इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज हो गए हैं। राहत और बचाव में मदद के लिए केंद्र सरकार ने वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं, जिससे पानी से घिरे लोगों के लिए खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं। इसके बावजूद अनेक प्रभावित इलाकों में पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है। इससे प्रभावित लोगों में नाराजगी है। तीन दिनों से अपने निजी आवास में 'कैद' राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित उनके परिवार के सदस्यों को भी जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की मदद से निकाला गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, जबकि पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पानी में घुसकर लोगों की मदद की और राहत सामग्री बांटी।

पटना जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पटना के कई इलाकों में जमा पानी निकलने लगा है। राजेंद्र नगर और कंकड़बाग में अभी भी पानी भरा हुआ है।

पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि पटना के प्रभावित इलाकों में वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर फूड पैकेट्स गिरा रहे हैं। इधर, पटना के जल-जमाव वाले कई इलाकों में बिजली नहीं है, जिससे लेाग परेशान हैं। कई इलाकों में सबसे बड़ी परेशानी पीने के पानी को लेकर है।

राहत सामग्री का वितरण नाकाफी होने के कारण लोगों का गुस्सा सरकार पर साफ दिख रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पटना में पूरी सरकार है, परंतु अभी तक कोई भी नेता पानी से घिरे लोगों के बीच नहीं पहुंचा।

पिछले तीन दिनों से जल जमाव के कारण पानी बदबू देने लगा है। पटना की सड़कों पर नावें चल रही हैं, जबकि घरों और अस्पतालों में पानी भरा हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना सहित राज्य में 25 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि घर में फंसे लोगों के लिए फूड पैकेट गिराने का कार्य चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में जलनिकासी के लिए डिवाटरिंग पंप लगाए गए हैं, जिससे जल्द ही पानी निकासी हो सकेगी।

इधर, राजधानी के राजेंद्र नगर सहित कई निचले इलाकों में दुकानें बंद होने से लोगों को जरूरी सामान खरीदना भी मुश्किल हो गया है।

पटना जिला प्रशासन के मुताबिक, पटना में जल जमाव वाले क्षेत्रों से 25 हजार से ज्यादा लोगों को निकाला गया है। जल जमाव वाले क्षेत्रों में खाने के पैकेट बंटवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और ट्रैक्टरों को लगाया गया है। कई इलाकों में नाव से राहत टीम पहुंच रही है।

राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को भी तीन दिनों के बाद सोमवार को घर से बाहर निकाला गया। इस दौरान उनकी मजबूरी देखिए कि पत्रकार उनसे बात करने की कोशिश करते रहे, परंतु वे बिना कुछ बोले निकल गए।

इस क्रम में हालांकि उनकी पत्नी ने पत्रकारों को ही नसीहत दी, 'लोगों को पानी पिलाइए।'

इस बीच, मदद मांगने पर राजेंद्र नगर के अपने आवास में फंसी लोकगायिका शारदा सिन्हा को भी एनडीआरएफ ने बाहर निकाल लिया है। सिन्हा तीन दिनों से अपने घर में फंसी हुई थीं। बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया को धन्यवाद दिया।

मधेपुरा के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव सोमवार को जलजमाव वाले क्षेत्र राजेंद्र नगर में ट्रैक्टर से पहुंचे और उन्होंने राहत सामग्री का वितरण किया।

पप्पू यादव ने कहा कि "हम भीषण आपदा की स्थिति में पटना के सभी नागरिकों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि आज लोगों को मदद करने की जरूरत है, इसलिए हम पूरी देश की जनता से अपील करते हैं कि वे मदद के लिए आगे आएं।" उन्होंने यह भी कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

पप्पू यादव ने हालांकि पटना की नारकीय स्थिति पर नीतीश सरकार पर हमला भी बोला और कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि हर बार वह अपनी नाकाकियों को प्राकृतिक आपदा बता पल्ला झाड़ लेते हैं।

जद (यू) महासचिव के. सी. त्यागी ने बारिश से बिगड़ी पटना की स्थिति को प्राकृतिक आपदा बताया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन का नतीजा है।

(आईएएनएस)