भारत ने एक साथ पाकिस्तान-मलेशिया और तुर्की को लिया निशाने पर, 'कश्मीर पर बोलने से पहले सोचे'
इंडिया इमोशंस न्यूज नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान (Pakistan) की साजिशों का पर्दाफाश एक बार फिर से मीडिया के सामने किया. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रवीश कुमार (Raveesh kumar) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) नहीं जानता कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे चलाया जाता है. वो यूएनजीए (UNGA) में भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयान देकर अपना असली चेहरा दिखा दिया.
Raveesh Kumar,MEA on Pakistan PM asking people to head towards LoC: He used provocative&irresponsible statements in UNGA too.I think he doesn't know how to conduct international relationships. Most serious thing is he gave an open call for jihad against India which is not normal. pic.twitter.com/1GgAHL8hCF
— ANI (@ANI) October 4, 2019
पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम इमरान खान ने लोगों को एलओसी (LoC) की तरफ बढ़ने को कहा है. इसे लेकर रवीश कुमार (Raveesh Kumar) ने कहा, उन्होंने (इमरान खान) ने यूएनजीए(UNGA) में भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बयान दिया. मुझे लगता है कि वह नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे निभाया या चलाया जाता है. सबसे गंभीर बात यह है कि उन्होंने भारत के खिलाफ जिहाद का खुला आह्वान किया जो सामान्य नहीं है.'
कश्मीर(Kashmir) मुद्दे को मलेशिया द्वारा यूएनजीए में उठाने के सवाल पर रवीश कुमार ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर(Kashmir) ने अन्य सभी रियासतों की तरह इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसेशन पर हस्ताक्षर किया था. पाकिस्तान (Pakistan) ने हमला किया और जम्मू-कश्मीर(Kashmir) के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया. मलेशिया के सरकार को 2 देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को ध्यान में रखना चाहिए और ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए.'
MEA on Malaysia raising Kashmir issue at UNGA: J&K signed Instrument of Accession like all other princely states, Pak invaded & illegally occupied parts of J&K. Govt of Malaysia should bear in mind the friendly relations between the 2 countries & desist from making such remarks. https://t.co/UYBFK8235x pic.twitter.com/WWBXwzZcYv
— ANI (@ANI) October 4, 2019
वहीं तुर्की के मुद्दे को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम तुर्की सरकार से इस मुद्दे (कश्मीर(Kashmir)) पर कोई बयान देने से पहले जमीनी हकीकत समझने का आह्वान करेंगे. पहले कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर उचित समझ विकसित कर लें. यह एक ऐसा मामला है जो भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक है.
बता दें कि मलेशिया और तुर्की दोनों कश्मीर(Kashmir) को लेकर भारत के खिलाफ बोले. मलेशिया ने कहा कि भारत ने कश्मीर(Kashmir) पर जबरन कब्जा कर लिया. वहीं तुर्की भी पाकिस्तान (Pakistan) का साथ देते हुए कहा कि वो कश्मीर(Kashmir) मुद्दे को उठाते रहेंगे. तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी कश्मीर(Kashmir) मुद्दे पर पाकिस्तान (Pakistan) का समर्थन किया था. संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में एर्दोगन ने कहा कि कश्मीर(Kashmir) का मुद्दा न्याय और समानता के आधार पर बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए, ना कि संघर्ष से. उन्होंने कहा कि पिछले 72 सालों में 'कश्मीर(Kashmir) विवाद' को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला है.