अयोध्या केस: हिंदू पक्ष ने किया वेदों का जिक्र, आस्था-विश्वास पूरी तरह से अलग : SC

Oct 03 2019

अयोध्या केस: हिंदू पक्ष ने किया वेदों का जिक्र, आस्था-विश्वास पूरी तरह से अलग : SC

इंडिया इमोशंस न्यूज अयोध्या/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर गुरुवार को भी सुनवाई चल रही है। आज सुनवाई का 36वां दिन है और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हिंदू पक्षकारों की बहस खत्म होने की तारीख भी है। हिंदू पक्षकार की ओर से वकील सीएस. वैद्यनाथन ने गुरुवार को अपनी दलीलें रख रहे हैं

हिंदू पक्षकार वैद्यनाथन ने कहा कि मकर की आकृति वाला परनाला हिंदू मंदिरों का प्रतीक है, क्योंकि ये गंगा का वाहन है। वहां पर 16 नंबर की दीवार 10-11वीं की सदी होने का पता लगता है। जबकि ASI की रिपोर्ट में दीवार का दावा बहुत बाद का है। सीएस वैद्यनाथन ने आगे कहा कि दीवार नंबर 16 को 6 मीटर तक खोदा गया लेकिन बाद में खुदाई बंद करनी पड़ी। इस दौरान ASI की तस्वीरों का हवाला भी दिया।

यह हिंदुओं के लिए महत्व का स्थान है, यह बौद्धों का पवित्र स्थान कभी नहीं रहा है। इसलिए यह एक उचित अनुमान है कि यह एक हिंदू मंदिर था। वकील की दलील पर जस्टिस चंद्रचूड ने पूछा कि क्या यह दावा करने के लिए उन विशेषताओं का हवाला दिया जा सकता है कि यह एक हिंदू मंदिर है जो बौद्ध विहारों में भी मौजूद है? दूसरे शब्दों में सबूत का बोझ आप पर यह साबित करने के लिए है कि यह एक हिंदू मंदिर है।

इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आस्था-विश्वास पूरी तरह से अलग दलीलें हैं। बेशक आस्था-विश्वास के लिए कोई सबूत नहीं हो सकते, लेकिन हम मुख्य साक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
आपको बताते जाए कि सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त से इस मामले की सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस मामले की सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक का समय दिया है। CJI का कहना है कि अगर मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई तो मामला लंबा खिंच सकता है।