दिल्ली के लोगों को इतने रुपए किलो प्याज बेचेगी केजरीवाल सरकार

Sep 23 2019

दिल्ली के लोगों को इतने रुपए किलो प्याज बेचेगी केजरीवाल सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

इंडिया इमोशंस न्यूज नई दिल्ली। आसमान छूती प्याज की कीमत से परेशान दिल्ली सरकार ने राजधानी वासियों को राहत देने की तैयारी कर ली है। दिल्ली में प्याज की बढ़ी कीमतों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हम मोबाइल वैन के जरिए 24 रुपए प्रति किलो प्याज बेचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए टेंडर निकाले गए हैं।

अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि सरकार प्याज खरीद रही है। दस दिन में इस प्याज की बिक्री शुरू होने की उम्मीद है। इस प्याज की कीमत 24 रुपये किलो होगी। सरकार प्याज सभी राशन की दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए बेचेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि प्याज की अचानक बढ़ी कीमतों के मद्देनज़र अब सरकार ने खुद प्याज बेचने का फैसला किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्याज की आसमान छूती कीमतों के बारे में सवाल पूछने पर केजरीवाल ने कहा 'प्याज की कीमत पर दिल्ली सरकार कदम उठाने जा रही है, जैसे दो-तीन साल पहले हमने किया था। हम कोशिश करेंगे कि 24 रुपये किलो के आसपास हम लोग अपनी सभी राशन की दुकान और मोबाइल वैन के जरिए ज्यादा से ज़्यादा जगह सप्लाई कर सकें। उन्होंने कहा कि 'प्याज को ट्रांसपोर्ट करने के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं, और मुझे लगता है कि 10 दिन के अंदर हम लोग यह सप्लाई शुरू कर सकते हैं।

दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल खुदरा बाज़ार में प्याज़ 60-70 रुपये प्रति किलो मिल रही है। वहीं थोक बाज़ार में प्याज़ की क़ीमत 35-45 रुपये प्रति किलो है। दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जो कि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी। गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये किलोग्राम पर पहुंच गई है। हालांकि आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के अंत तक प्याज के खुदरा दाम 70 से 80 रुपये किलोग्राम पर पहुंच गए। इससे पिछले सप्ताह प्याज की कीमत 50 से 60 रुपये किलोग्राम थी।

वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगी है। कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है। खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है।